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उम्मीदों को अवसर देगी प्रतिभा सम्मान स्कॉलरशिप

प्रतिभाओं को सम्मान देने और उन्हें नया मुकाम दिलाने के मकसद से आयोजित किए जा रहे प्रतिभा सम्मान स्कॉलरशिप समारोह में दिल्ली के छात्रों के लिए बुधवार का दिन खास था। बुधवार को हिन्दुस्तान में इन मेधाओं...

उम्मीदों को अवसर देगी प्रतिभा सम्मान स्कॉलरशिप
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 05 Aug 2010 02:24 PM
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प्रतिभाओं को सम्मान देने और उन्हें नया मुकाम दिलाने के मकसद से आयोजित किए जा रहे प्रतिभा सम्मान स्कॉलरशिप समारोह में दिल्ली के छात्रों के लिए बुधवार का दिन खास था। बुधवार को हिन्दुस्तान में इन मेधाओं के इंटरव्यू किए गए। इंटरव्यू में शामिल होने के लिए दिल्ली के विभिन्न स्थानों से होनहार आए थे। सभी की ख्वाहिश स्कॉलरशिप के माध्यम से कुछ अलग और बेहतर करने की थी। कोई इंजीनियर बनना चाहता था, तो कोई डॉक्टर। किसी की ख्वाहिश आगे प्रबंधन के क्षेत्र में करियर बनाने की थी तो किसी की तमन्ना सीए बनने की।

यही नहीं कुछ के मन में वैज्ञानिक बनने की इच्छा थी तो कोई लेखक बनना चाहता है। इतने सारे अरमानों और उन्हें पूरा करने की ख्वाहिश संजोए छात्रों ने बुधवार को हिन्दुस्तान में इंटरव्यू दिए। सभी की तमन्ना स्कॉलरशिप प्राप्त कर अपने सपनों को उड़ान देने की थी।

बारहवीं में सीबीएसई की परीक्षा में 97 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली नुपूर गुप्ता का कहना है कि स्कॉलरशिप एक मोटिवेशन है जो उसके लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक होती हैं। वहीं रेयान इंटरनेशनल स्कूल से बारहवीं करने वाली आकांक्षा सरीन कहती हैं कि वह लेखक बनना चाहती है तो देव समाज विद्या निकेतन से बारहवीं करने वाली स्वाती की तमन्ना वैज्ञानिक बनने की है तो राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय, गांधीनगर से बारहवीं करने वाले रितेषा का कहना है कि इस स्कॉलरशिप के द्वारा मैं अपनी सीए की पढ़ाई को पूरा करूंगा।

इंजीनियर बनने का सपना संजोए साक्षी, वर्षा, प्रभजोत, तुषार और हिमानी के लिए स्कॉलरशिप किसी सपने को हकीकत में बदलने जैसी है। लेकिन इन सबमें कुछ प्रतिभाएं ऐसी थी जिनसे बातचीत के बाद ऐसा लगा कि उन्हें इसकी सख्त दरकार है। एक अभ्यर्थी के पिता की मृत्यु हो चुकी थी और बमुश्किल उसकी मां ने गुजर-बसर कर उसे पढ़ाया था तो तीन अभ्यर्थी ऐसे थे जो कि सिर्फ इसलिए डाइट कर रहे थे ताकि इनकी पढ़ाई न रूकें।

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