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गाजा काफिले पर हमले की जांच को राजी हुआ इस्राइल

अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग के आगे पहली बार झुकते हुए इस्राइल 31 मई को गाजा सहायता काफिले पर किए गए हमले की जांच संयुक्त राष्ट्र से कराने को सोमवार को राजी हो गया। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून...

गाजा काफिले पर हमले की जांच को राजी हुआ इस्राइल
एजेंसीMon, 02 Aug 2010 10:44 PM
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अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग के आगे पहली बार झुकते हुए इस्राइल 31 मई को गाजा सहायता काफिले पर किए गए हमले की जांच संयुक्त राष्ट्र से कराने को सोमवार को राजी हो गया।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने घटना को अभूतपूर्व करार दिया है। इस्राइल की नौसेना के कमांडो ने गाजा जा रहे इस काफिले पर हमला किया था। उल्लेखनीय है कि इस्राइल की नौसेना के कमांडो ने गाजा पट्टी में नाकेबंदी के मद्देनजर तुर्की के इस मदद काफिले पर हमले कर दिया था। इस हमले में नौ फलस्तीन समर्थक मारे गए थे, जिसके बाद भारत सहित विश्व के कई देशों की ओर से इस घटना की कड़ी भर्त्सना की गई थी।

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व वाले वरिष्ठ मंत्रियों के मंच फोरम आफ सेवन ने इस जांच का निर्णय किया। मंत्रियों के इस दल ने अंतरराष्ट्रीय समिति से इस हमले की जांच कराने की संयुक्त राष्ट्र की मांग मान ली। ऐसा पहली बार है कि इस्राइल अपनी सैन्य कार्यवाही के संबंध में किसी बाहरी जांच के लिए सहमत हुआ है।

संयुक्त राष्ट्र की समिति में पहली बार इस्राइल को भी प्रतिनिधित्व मिलेगा जो इसकी गतिविधियों की जांच करेगा। संरा का अनुरोध स्वीकार करने में इस्राइल ने शुरू में हिचकिचाहट दिखाई थी लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण इसे इस मामले में बाहरी जांच के लिए इसे राजी होना पड़ा है। महासचिव बान की मून ने गाजा काफिले पर हमले की जांच के लिए चार सदस्यीय एक जांच समिति गठित करने की घोषणा की है।

बान ने कहा कि आज मुझे इस समिति के गठन की घोषणा करते हुए अत्यंत प्रसन्नता है। यह एक अभूतपूर्व घटना है। इस जांच समिति का नेतृत्व न्यूजीलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री ज्योफरी पामर करेंगे। समिति में कोलंबिया के निवर्तमान राष्ट्रपति अल्वारो उरिबे उपाध्यक्ष होंगे। इसके अलावा अन्य दो सदस्यों में एक इस्राइली और एक तुर्की का अधिकारी होगा। 10 अगस्त से यह समिति जांच का कार्य शुरू कर देगी और सितंबर के मध्य तक इसकी पहली प्रगति रिपोर्ट सौंप दिए जाने की संभावना है।

संरा की जांच के फैसले को जायज ठहराते हुए इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इस्राइल के पास छिपाने को कुछ भी नहीं है इसलिए देश ने इस जांच का हिस्सा बनना स्वीकार कर लिया है। इससे पहले इस्राइल ने अपने देश में ही जांच समिति गठित की थी, जिसमें शांति के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता लार्ड डेविड ट्रिंबल और कनाडाई बलों के पूर्व जज एडवोकेट जनरल ब्रिगेडियर केन वाटकिन शामिल थे।

अंतरराष्ट्रीय जांच समिति का अधिकार क्षेत्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्षात्मक बयान से तय होगा जो हमले के तुरंत बाद जारी किया गया था। एक वरिष्ठ राजनीतिक सूत्र ने कथित तौर पर समाचार पत्र हारेत्ज को कल कहा था कि बान की मून ने इस्राइल के रक्षा मंत्री एहूद बराक के साथ शुक्रवार को संरा मुख्यालय में बात की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि सप्ताहांत तक इस्राइल का उत्तर मिल जाने की आशा है। इस स्रोत ने कहा कि दोनों अधिकारियों की बैठक में संयुक्त राष्ट्र की जांच समिति गठित करने का मुद्दा प्रमुख था।

बराक ने कथित तौर पर समिति के अधिकार क्षेत्र के संबंध में इस्राइल की आपत्तियों को दर्ज कराया था और सदस्यों की संख्या के बारे में स्पष्टीकरण देने को कहा था।

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