भारतीयों कर्मियों के लिए बेलआउट पैकेज निराशाजनक
वैश्विक मंदी के चलते अमेरिकी बैंकों व अन्य वित्तीय कंपनियों को दिए जाने वाले बहुतचर्चित 787 अरब डॉलर के पैकेज से तो इन कंपनियों को बड़ी राहत मिलेगी, लेकिन इसमें भारतीय कर्मियों के लिए निराशाभरी खबर...
वैश्विक मंदी के चलते अमेरिकी बैंकों व अन्य वित्तीय कंपनियों को दिए जाने वाले बहुतचर्चित 787 अरब डॉलर के पैकेज से तो इन कंपनियों को बड़ी राहत मिलेगी, लेकिन इसमें भारतीय कर्मियों के लिए निराशाभरी खबर है। बेलआउट को पास करते समय अमेरिकी कांग्रेस ने इससे लाभान्वित होने वाले बैंकों व वित्तीय संस्थानों को एच-1बी वीजा के तहत नौकरी देने पर प्रतिबंध लगाने का भी प्रावधान किया है। इसके तहत जिन अमेरिकियों को मंदी के चलते नौकरी से छुट्टी कर दी गई थी, उनके स्थान पर बाहरी लोगों को रखने के लिए भी मनाही की गई है। दूसरी तरफ अमेरिकी प्रवासी वकीलों के संघ ने कांग्रेस के इस कदम को निराशाजनक बताते हुए कहा है कि इससे वैश्विक प्रतिभा के अमेरिका में उपयोग प्रभावित होगा। गौरतलब है कि एच-1बी वीजा के तहत प्रमुख रूप से भारतीय आई कर्मियों को लाभ मिलता रहा है। यह बिल कांग्रेस के दोनों सदनों में पास हो चुका है, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए 787 अरब डॉलर की व्यवस्था हो गई है। इसके तहत बैंकों पर यह शर्त भी थोपी गई है कि कम से कम अगले दो साल तक सिर्फ अमेरिकी नागरिकों को ही नौकरी पर रखें। अगर किसी विदेशी को रखा जाता है तो उन्हें यह साबित करना पड़ेगा कि किसी विदेशी को एक अमेरिकी नागरिक की जगह पर नहीं रखा जा रहा है।