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पाक मीडिया : पाकिस्तान ने उलझाया मुंबई हमले को

आशा बन रही थी कि आखिर मुंबई हमले के कोई 80 दिन बाद पाकिस्तान ने माना कि कसाब पाकिस्तानी है और दूसरे पाकिस्तानियों की मिलीभगत से यह कार्रवाई की जा सकी। प्रधानमंत्री के गृहमंत्रालय के सलाहकार रहमान...

 पाक मीडिया : पाकिस्तान ने उलझाया मुंबई हमले को
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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आशा बन रही थी कि आखिर मुंबई हमले के कोई 80 दिन बाद पाकिस्तान ने माना कि कसाब पाकिस्तानी है और दूसरे पाकिस्तानियों की मिलीभगत से यह कार्रवाई की जा सकी। प्रधानमंत्री के गृहमंत्रालय के सलाहकार रहमान मलिक ने किसी ऐसी एफआईआर से साफ इनकार करते हुए बताया अगर कोई ऐसी कार्रवाई होती है तो हम मीडिया को बताएंगे। ‘दि न्यूज’ ने कहा है कि इस तरह के बयान और इंकारों के सिलसिले से अफवाहों का बाजार गर्म हो गया है। यह कहा भी जा रहा है कि सरकार ‘जियो टीवी’ के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। पाकिस्तान सरकार ने हमेशा की तरह अपने ऊपर से बात टालने की कोशिश की। लेकिन उसके एक दिन बाद यानी 12 फरवरी को इस्लामाबाद में एक प्रेस कांफ्रेंस में गृहमंत्री रहमान मलिक ने मीडिया को बताया कि भारत के डोियर के सहार जो पाकिस्तान सरकार ने जांच की तो पता चला है कि मुंबई के हमले की कुछ साजिश पाकिस्तान में हुई। इस तरह पाकिस्तान ने पहली दफा माना कि यह साजिश पाकिस्तान की जमीन पर ही रची गई थी। रहमान मलिक ने यह भी माना कि भारत में पकड़ा हुआ आतंकवादी अमीर अजमल कसाब पाकिस्तानी नागरिक है। ‘डॉन’ के समाचार के मुताबिक रहमान मलिक ने कहा कि हमने इस केस की एफआईआर दाखिल कर दी है। इस रिपोर्ट में कुल लोगों का नाम है जिनमें से 6 को हिरासत में ले लिया है और एक से पूछताछ की जा रही है और एक की तलाश है। एक संदिग्ध अपराधी जावेद इकबाल को स्पेन के बारसिलोना शहर से पकड़ा गया, जिसने दूसर कथित अपराधियों का नाम दिया। रहमान मलिक ने यह भी बताया कि इस साजिश का जाल कई देशों में फैला हुआ था। मुजरिमों ने स्पेन से पैसे देकर इंटरनेट डोमेल हासिल किया और इसको अमेरिका के ह्यूस्टन से बातचीत के लिए इस्तेमाल किया। इसी तरह दूसरा डोमेन रूस में रािस्टर करवाया और उसका इस्तेमाल एक मध्यपूर्व देश से हुआ। ‘दि न्यूज’ के मुताबिक हमलावरों ने जिस किश्ती को इस्तेमाल किया उसे बलूचिस्तान से किराए पर लिया गया और कराची से रवाना किया गया। रहमान मलिक ने यह भी कहा कि एक आतंकवादी समझौता एक्सप्रेस के धमाके में शामिल था। लश्कर तैयबा के जरार शाह ने डक्कन मुजाहिदीन के नाम से पाकिस्तान से हमले की जिम्मेवारी का ई-मेल दिया था। रहमान मलिक के अनुसार हमले का सरगना अमीर सादिक जो कराची में एक किराए के मकान पर रहता था, अब हिरासत में है यानी एक ऐसा नाम जो कभी पहले सामने नहीं आया। इसके विपरीत, लश्कर के लाखवी से अभी तक पूछताछ चल रही है और उसका हिस्सा अभी तय होना बाकी है। इसके अलावा रहमान मलिक ने भारत से कई और सवालों के जवाब मांगे हैं, जो उनके मुताबिक इस केस की कार्रवाई के लिए जरूरी हैं। जो भी हो भारत ने पाकिस्तान से मिली रिपोर्ट को इन हालात में अच्छा माना है। भारतीय संसद में बोलते हुए प्रणब मुखर्जी ने कहा कि हम पाकिस्तान को जो हो सकेगा जानकारी देंगे, पर पाकिस्तान को न केवल मुजरिमों को सजा दिलवानी चाहिए, बल्कि आतंकवादियों के जाल को नष्ट भी करना चाहिए। ‘दि पोस्ट’ के एक बड़े लेख में डॉ. कनाम अहमद पाकिस्तान की बिगड़ी हुई स्थिति का जायजा लेते हुए लिखा है, कि जुल्फिकार अली भुट्टो के दौर में धार्मिक गड़बड़ शुरू हुई पर असल गड़बड़, उथल-पुथल, तीसरी तानाशाही यानी जनरल जिया उल हक के जिम्मे लगी। मार्शल लॉ ने सब सभ्य, चरित्रवान, कानूनी और संवैधानिक मूल्यों को नष्ट करके रख दिया। तभी से हमने हर माफिया किस्म के ग्रुप पनपते देखे हैं, जो जसे भी हो अपनी ताकत के बल पर, अपने मतलब के लिए अपनी बातें मनवाते आ रहे हैं। इस तरह पाकिस्तान की हर गली, हर सड़क पर ये लोग अपना राज चला रहे हैं और एक सरकार नाम की चीज नहीं बची। यानी यह बाहर से नहीं, बल्कि अपने अंदर से हमला है। लेख में इसे सहने वालों को दोषी ठहराया है। इससे बाहर निकलने के लिए इन ताकतों से टक्कर लेना जरूरी है। इस बीच तालिबान ने सरकार को धमकी दी है कि अगर तीन दिन यानी 15 फरवरी तक बाजोर में फौा अपनी कार्रवाई नहीं खत्म करती तो हम खार शहर में जबरदस्त हमला करके सभी स्कूल तबाह कर देंगे। यह बयान तहरीक-ए-तालिबान के प्रवक्ता मौलवी उमर ने एपीएफ को दिया। ‘दि न्यूज’ के मुताबिक इस्लामाबाद में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया। लगता है कि शहर में तालिबान लड़ाके आ गए हैं।

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