आतंकी कर सकते हैं परमाणु क्षमता हासिल: मनमोहन सिंह
परमाणु सामग्री के आतंकियों के हाथों में पहुंचने की आशंकाओं की पृष्ठभूमि में हो रहे परमाणु सुरक्षा सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत 47 देशों के नेता मंगलवार को एकत्रित हो रहे हैं। सभी नेता...
परमाणु सामग्री के आतंकियों के हाथों में पहुंचने की आशंकाओं की पृष्ठभूमि में हो रहे परमाणु सुरक्षा सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत 47 देशों के नेता मंगलवार को एकत्रित हो रहे हैं। सभी नेता इस बात पर चर्चा करेंगे कि कैसे परमाणु हथियारों को आतंकवादियों के हाथों में पड़ने से रोका जाए।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की पहल पर हो रहे सम्मेलन में भारत द्वारा पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा के बारे में चिंता उठाए जाने की संभावना है। सम्मेलन के पहले ओबामा ने कहा था कि अलकायदा जैसे आतंकी संगठन परमाणु हथियारों पर कब्जा जमाने पर नजर रखे हुए हैं, जो विश्व के लिए प्रलयकारी साबित हो सकता है।
ओबामा ने सोमवार को पत्रकारों से कहा था कि परमाणु सम्मेलन का मुख्य केंद्र यह तथ्य है कि अमेरिका की सुरक्षा को सबसे बड़ा खतरा आतंकियों की परमाणु हथियारों तक पहुंच है। संभावना है कि सम्मेलन के दौरान मनमोहन प्रत्येक देश से मजबूत प्रतिबद्धताओं और प्रसार के खिलाफ वैश्विक समुदाय से सकारात्मक प्रतिक्रिया के प्रति कड़ा रुख रखेंगे।
जहां एक ओर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का इस संदर्भ में पाकिस्तान का सीधा नाम लेने की संभावना नहीं है, वहीं संभावना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिव शंकर मेनन और विदेश सचिव निरुपमा राव पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा संबंधी मुद्दे को अधिकारी स्तर की बैठक में उठाएं।
संभावना है कि मनमोहन व्यापक विनाश के हथियारों की आतंकियों तक पहुंच संबंधी भारत की आशंकाओं को सबके साथ साझा करेंगे। सम्मेलन का मुख्य केंद्र अवैध प्रसार, परमाणु सामग्री की अवैध तस्करी और आतंकियों के परमाणु सामग्री तक पहुंच की संभावना के खतरे होंगे।
अपनी यात्रा के पूर्व मनमोहन ने कहा था कि परमाणु आतंकवाद और संवेदनशील तकनीकों का प्रसार वैध चिंताएं हैं, जिन पर उचित प्रतिक्रिया की जरूरत है। उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया था कि भारत हमेशा से पूर्ण और वैश्विक परमाणु निरस्त्रीकरण की वकालत करता है।
उन्होंने कहा था कि हम विश्व के उन पहले देशों में शामिल हैं, जिन्होंने परमाणु हथियार मुक्त विश्व की बात कही थी। मैं इस बात से प्रोत्साहित हूं कि हमारी इस पहुंच का आज चारों ओर से समर्थन हो रहा है।
मनमोहन ने इस बात पर भी जोर दिया था कि परमाणु विज्ञान के फायदों में लोगों का विश्वास कायम रखने के लिए परमाणु क्षेत्र में सुरक्षा के उच्च मानक रखने की जरूरत है।
इस बात पर जोर देते हुए कि परमाणु ऊर्जा मौजूदा समय की विकासात्मक चुनौतियों का समाधान करने में अहम भूमिका निभा सकती है, मनमोहन ने कहा यह सिर्फ तब ही हो सकता है, जब हम बतौर एक देश, बतौर वैश्विक समुदाय, सुरक्षा के उच्च मानक सुनिश्चित करें, जो लोगों का परमाणु विज्ञान के फायदों में विश्वास बनाए रखे।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत इस वैश्विक प्रयास में अहम भागीदार है। संभावना है कि इस दौरान मनमोहन भारत में अंतरराष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव दें।