एग्चााम आया, टेंशन लाया
परीक्षा का मौसम आते घर-घर में टेंशन का माहौल बन जाता है। बच्चों के साथ अभिभावक भी परशान रहते हैं। इससे बचना संभव भी नहीं है। घर का ऐसा माहौल बच्चों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। मनोचिकित्सकों की...
परीक्षा का मौसम आते घर-घर में टेंशन का माहौल बन जाता है। बच्चों के साथ अभिभावक भी परशान रहते हैं। इससे बचना संभव भी नहीं है। घर का ऐसा माहौल बच्चों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। मनोचिकित्सकों की मानें तो सकारात्मक सोच से प्रदर्शन बेहतर होने की उम्मीद रहती है।ड्ढr सीआइपी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ देवब्रत कुमार के अनुसार परीक्षा को लेकर हर बच्चा टेंशन में रहता है। ऐसी स्थिति में बच्चों को दूसरों से कभी तुलना नहीं करना चाहिये। बच्चों को विश्वास में लेकर उन्हें समझाना चाहिए।ड्ढr गलतफहमी भी है कारणड्ढr डॉ कुमार के मुताबिक तनाव का एक बड़ा कारण बच्चों में गलतफहमी का होना भी है। उन्हें हमेशा ऐसा लगता है कि उनकी यादाश्त क्षमता खत्म होती जा रही है। यह मात्र भ्रम है। याद करने के 24 घंटे के भीतर व्यक्ित 60 से 70 प्रतिशत बातें भूल जाता है।ड्ढr अभिभावक अच्छा माहौल देंड्ढr बच्चों में नकारात्मक सोच कम करने में अभिभावक अहम् भूमिका निभा सकते हैं। उन्हें घरों में बेहतर महौल देकर तनाव कम करने का प्रयास करना चाहिये।ड्ढr बच्चे हेल्दी डायट लेंड्ढr परीक्षा के वक्त बच्चों को खान-पान पर भी ध्यान देने की जरूरत है। ऐसे समय में हेल्दी डायट लेने की जरूरत है। फल ज्यादा खाने से बेहतर होगा।ड्ढr लेटकर पढ़ाई नहीं करंड्ढr मनो चिकित्सकों के मुताबिक बच्चों को लेटकर पढ़ने से बचना चाहिये। इससे याद करने में दिक्कत होती है।ड्ढr हौवा नहीं बनायेंड्ढr शिक्षकों को भी विद्यार्थियों को परीक्षा की वास्तविक स्थिति बतानी चाहिये। इसे हौवा बनाकर उनके सामने पेश नहीं करना चाहिये। उनकी बातों का बच्चों पर काफी प्रभाव पड़ता है।