गर्मी में रहें सतर्क
गत कुछ दिनों से गर्मी ने कहर ढाना शुरू कर दिया है। ऐसे मौसम में कुछ बुनियादी सावधानियां जरूरी होती हैं। उनके बारे में यहां पढ़ें - ज्यादातर गर्मी संबंधी समस्याएं हैं डिहाइड्रेशन, हीट क्रैम्प्स,...
गत कुछ दिनों से गर्मी ने कहर ढाना शुरू कर दिया है। ऐसे मौसम में कुछ बुनियादी सावधानियां जरूरी होती हैं। उनके बारे में यहां पढ़ें
- ज्यादातर गर्मी संबंधी समस्याएं हैं डिहाइड्रेशन, हीट क्रैम्प्स, एग्जॉशन और स्ट्रोक। वहीं एसिडिटी, इन्फेक्शन, डायरिया, हैजा, टाइफाइड और जॉन्डिस भी इस मौसम में होते हैं।
- हीट क्रैम्प, एग्जॉशन और स्ट्रोक गर्मी में लगातार रहने के कारण होते हैं। लेकिन इन तीनों समस्याओं के बावजूद बाकी अन्य भी गंभीर हैं। हीट क्रैम्प बीमारी की हल्की स्थिति होती है और इससे कमजोरी आती है, साथ ही डिहाइड्रेशन और नमक की भी कमी हो जाती है। इसके लिए पानी, अन्य पेय पदार्थ व नमक किसी न किसी रूप से लेते रहना चाहिए।
- हीट एग्जॉशन भी गंभीर होता है। इसमें बुखार और कमजोरी आ जाती है, लेकिन पसीना नहीं निकलता। इसमें तुरंत पेय पदार्थ लेने चाहिए नहीं तो हीट स्ट्रोक हो सकता है, जिससे शरीर में थर्मोरेग्युलेटरी मैकेनिज्म काम करना बंद कर देता है और अंदर का तापमान अचानक बढ़ जाता है। इसमें मौत भी हो सकती है।
- हीट स्ट्रोक मेडिकल इमरजेंसी होती है और इसमें कुछ मिनटों के अंदर ही व्यक्ति के तापमान में कमी लाने की जरूरत होती है।
- गर्मी के मौसम में पसीना न निकलना, भुजाएं गीली न होना और आठ घंटे तक पेशाब न आना या फिर तेज बुखार हो तो, ऐसे हालात को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए, तुरंत चिकित्सा संबंधी सुविधाएं प्राप्त करनी चाहिए।
- डायरिया, हैजा, टाइफाइड और पीलिया आदि सभी जल जनित बीमारियां हैं और यह दूषित खाद्य सामग्री या पानी से होती हैं। अगर इनका समय रहते उपचार न किया जाए तो इनसे ग्रसित रोगी की हालत गंभीर हो सकती है। डायरिया और हैजा संक्रमण छोटी आंत में होते हैं और इसके लिए नींबू पानी में नमक या चीनी मिलाकर पिएं। अगर रोगी को अधिक दस्त हो रहे हों तो उसे तुरंत निकटवर्ती अस्पताल में लेकर जाएं। ध्यान रखें यदि इन बीमारियों से सामना हो रहा हो तो खाने की चीजें उनकी तासीर और जरूरत के अनुसार गरम कर के, उबाल कर या छीलकर ही खाएं। शरीर में पानी का स्तर भी ठीक रहना चाहिए।