दंतेवाड़ा नक्सली हमले की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं: चिदंबरम
दंतेवाड़ा में नक्सली हमले की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए गृहमंत्री पी चिदंबरम ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस्तीफे की पेशकश की, जिसे पीएमओ ने ठुकरा दिया। सीआईपीएफ के शौर्य दिवस के मौके पर बोलते हुए...
दंतेवाड़ा में नक्सली हमले की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए गृहमंत्री पी चिदंबरम ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस्तीफे की पेशकश की, जिसे पीएमओ ने ठुकरा दिया। सीआईपीएफ के शौर्य दिवस के मौके पर बोलते हुए गृहमंत्री पी चिदंबरम ने दंतेवाड़ा में हुई घटना की पूर्ण जिम्मेदारी स्वीकारी, जिसमें नक्सलियों ने बड़ी संख्या में सीआरपीएफ के जवानों को मार डाला था।
इस मौके पर गृहमंत्री ने इस घटना में अपनी जान गंवाने वाले शहीद जवानों को सलाम किया और कहा कि पूरा देश उनकी बहादुरी को सलाम करता है। उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ सिर्फ रिजर्व पुलिस नहीं है बल्कि देश की सुरक्षा व्यवस्था में अहम योगदान अदा करता है।
उन्होंने इस हमले में मारे गए जवानों के परिवारों के प्रति पूरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि उन परिवारों को मिलने वाली सहायता राशि को जल्द से जल्द उन्हें देने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने मारे गए जवानों के परिवार के एक-एक सदस्य को नौकरी देने की भी पेशकश की।
चिदंबरम ने इस अर्धसैनिक बल द्वारा दिए गए बलिदानों की सराहना की और कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि इसके कर्मियों को अच्छी तनख्वाह, अच्छे आवास और अच्छे उपकरण मिलें।
उन्होंने यह भी कहा कि उनका मंत्रालय सुनिश्चित करेगा कि शहीद जवानों के परिवारों को इस महीने के अंत तक मुआवजा मिल जाए और परिवारों के एक-एक सदस्य को नौकरी मिले। यह उल्लेख करते हुए कि सरकार हमेशा सुरक्षाबलों के साथ है, गृहमंत्री ने कहा कि वे इसलिए ड्यूटी करते हैं ताकि लोग आजादी और खुशहाली से रह सकें।
चिदंबरम ने कहा कि मुझे गर्व है कि सीआरपीएफ उसे सौंपे गए असंख्य दायित्वों को निभाती है। मैं उनको सलाम करता हूं, जिन्होंने अपनी जान कुर्बान कर दी और मेरा संवेदना उनके परिवारों के साथ है।
गौरतलब है कि 6 अप्रैल, 2010 को छत्तीसगढ़ के दंतावाड़ा में नक्सलियों के अब तक के सबसे बड़े हमले में 76 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे।