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17 भारतीयों को सजा-ए-मौत से बचाने सरकार से उम्मीदें

यूएई में एक पाकिस्तानी नागरिक की हत्या के आरोप में मौत की सजा पाए 17 भारतीय युवाओं के परिवार वाले नम आखों के साथ यहां जंतर-मंतर पर उनकी फोटो के साथ भगवान और सरकार के हस्तक्षेप की अपील कर रहे हैं। ये...

17 भारतीयों को सजा-ए-मौत से बचाने सरकार से उम्मीदें
एजेंसीWed, 07 Apr 2010 05:55 PM
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यूएई में एक पाकिस्तानी नागरिक की हत्या के आरोप में मौत की सजा पाए 17 भारतीय युवाओं के परिवार वाले नम आखों के साथ यहां जंतर-मंतर पर उनकी फोटो के साथ भगवान और सरकार के हस्तक्षेप की अपील कर रहे हैं।

ये लोग अपने संबंधियों को रिहा करने की लड़ाई को बुधवार को राजधानी लेकर आये। ये चाहते हैं कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस मामले में सीधे हस्तक्षेप कर यूएई से भारतीयों को रिहा करायें। इन लोगों ने यहां जंतर मंतर पर एक धरना प्रदर्शन आयोजित किया।

मौत की सजा का सामना कर रहे 22 वर्षीय सुखजिंदर सिंह की मां मंजीत कौर ने कहा कि हम यहां अपने बच्चों के जीवन की भीख मांगने आये हैं। उसके जीवन को बचाने के लिये कृपया जल्दी से कुछ कीजिए। वे हमारे पालनकर्ता हैं।

एक अन्य दोषी के भाई जसविंदर सिंह ने कहा कि हम यहां भगवान और सरकार से अपने दिल के टुकडे़ की जान की रक्षा के लिये भीख मांगने आये हैं।

मौत की सजा पाये ज्यादातर भारतीय या तो मजदूर हैं या बढ़ई हैं। उन्हें सप्ताह में एक बार अपने परिवार से बात करने की अनुमति दी गई है। यूएई की जेल में बंद धर्मपाल सिंह के भाई जगदीप ने कहा कि उनके भाई फोन कर कहते हैं कि वह ठीक हैं और जल्द ही वापस आयेंगे।

इन परिवारों ने मांग की है कि शारजाह की अदालत में अपील करने तथा एक अनुभवी वकील नियुक्त करने का सारा खर्च सरकार उठाये। इन परिवारों की तरफ से पूर्व मंत्री बी एस रामूवालिया द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में मांग की गयी है कि नोडल अधिकारी नियुक्ति की जाये जो उन्हें इस संबंध में लगातार सूचनायें देता रहे।

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