महिला आरक्षण विधेयक पर सर्वदलीय बैठक में सहमति नहीं
महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में आरक्षण देने संबंधी विधेयक को लेकर सोमवार को यहां हुई सर्वदलीय बैठक में आम सहमति नहीं बन पाई। सपा, राजद और जदयू कोटा के भीतर कोटा की अपनी मांग पर डटे रहे और संप्रग...
महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में आरक्षण देने संबंधी विधेयक को लेकर सोमवार को यहां हुई सर्वदलीय बैठक में आम सहमति नहीं बन पाई। सपा, राजद और जदयू कोटा के भीतर कोटा की अपनी मांग पर डटे रहे और संप्रग सरकार की प्रमुख घटक तृणमूल कांग्रेस भी उनकी इस मांग में शामिल हो गयी। उधर सरकार ने कहा कि इस विधेयक पर आगे बातचीत जारी रहेगी।
महिला आरक्षण विधेयक को लेकर जारी गतिरोध को दूर करने और आगामी 15 अप्रैल से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में इसे लोकसभा में पेश करने का रास्ता साफ करने की कोशिश के तहत आज यहां राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक हुई।
संसद भवन में करीब दो घंटे चली बैठक के बाद यह तय हुआ कि इस मुद्दे पर और बातचीत होगी। इससे यह सवाल उभरकर आया है कि क्या यह विधेयक 15 अप्रैल से शुरू हो रहे लोकसभा के बजट सत्र के दूसरे चरण में पेश हो पायेगा। महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी संविधान संशोधन विधेयक को राज्यसभा पिछले महीने मंजूरी दे चुकी है। अब इस विधेयक को लोकसभा से पारित होना बाकी है। संविधान संशोधन विधेयक होने के चलते इसे पारित होने के लिए दो तिहाई बहुमत जरूरी है।
लोकसभा में सदन के नेता और वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सपा, राजद और जदयू के नेता मुलायम सिंह यादव, लालू प्रसाद और शरद यादव ने भी हिस्सा लिया जो विधेयक का उसके वर्तमान स्परूप में कड़ा विरोध कर रहे हैं।