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नौकरीपेशा लोग भी कर सकेंगे शोध

देश-विदेश के नौकरीपेशा लोग भी बीएचयू प्रबंधशास्त्र संकाय से शोध कर सकेंगे। संकाय की ओर से आगामी 2010-11 शैक्षणिक सत्र से पार्ट टाइम पीएचडी प्रोग्राम या एक्सटर्नल पीएचडी प्रोग्राम शुरू करने की योजना...

नौकरीपेशा लोग भी कर सकेंगे शोध
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 03 Apr 2010 07:57 PM
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देश-विदेश के नौकरीपेशा लोग भी बीएचयू प्रबंधशास्त्र संकाय से शोध कर सकेंगे। संकाय की ओर से आगामी 2010-11 शैक्षणिक सत्र से पार्ट टाइम पीएचडी प्रोग्राम या एक्सटर्नल पीएचडी प्रोग्राम शुरू करने की योजना है। प्रस्ताव को विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल से हरी झंडी मिल चुकी है और जुलाई माह में शोध पाठय़क्रम में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इस व्यवस्था के लागू होने के बाद देश के किसी कोने या विदेश में बैठा छात्र भी बीएचयू से शोध कर सकेगा।

संकाय प्रमुख प्रो. एसके सिंह ने बताया कि प्रवेश के लिए आवश्यक न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता के अलावा अभ्यर्थी को मैनेजीरियल कैडर में कम से कम पांच साल का अनुभव होना आवश्यक है। ऐसे अभ्यर्थियों को इटरव्यू के आधार पर शोध में सीधे प्रवेश दिया जाएगा और उन्हें विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित कम्बाइंड रिसर्च इंट्रेंस टेस्ट (क्रेट) परीक्षा में नहीं बैठना होगा।

जहां रेगुलर शोध छात्र को दो साल के बाद शोधपत्र जमा करने का प्रावधान है वहीं पार्ट टाइम कोर्स के छात्र तीन साल के बाद शोधपत्र जमा कर सकेंगे। रेगुलर छात्रों की अपेक्षा पार्ट टाइम कोर्स के छात्रों के लिए उपस्थिति अनिवार्य नहीं है। इसलिए देश या विदेश में बैठा छात्र भी नौकरी करते-करते शोध कर सकेगा। शोधार्थी अपने सुपरवाइजर के साथ इटरनेट या अन्य माध्यमों से संपर्क में बना रह सकता है। संकाय प्रमुख ने बताया कि यह पार्ट टाइम पीएचडी प्रोग्राम वर्ष 2004 में किन्हीं कारणों से बंद कर दिया गया था। अब फिर से शुरू किया जा रहा है।

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