परमाणु हथियार शांति के हथियारः काकोडकर
परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष अनिल काकोडकर ने परमाणु हथियार की पैरवी करते हुए उसे शांति का हथियार बताया है। काकोडकर ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में कहा कि भारत ने जब वर्ष 1974 और 1998 में परमाणु...
परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष अनिल काकोडकर ने परमाणु हथियार की पैरवी करते हुए उसे शांति का हथियार बताया है।
काकोडकर ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में कहा कि भारत ने जब वर्ष 1974 और 1998 में परमाणु बम का परीक्षण किया था तो कई देशों ने हम पर प्रतिबंध लगाए थे, लेकिन हमारे लिए यह एक वास्तविक अवसर था और आज हमारा शोध एवं विकास उस स्तर पर पहुंच गया है जहां हम कुछ तकनीकों में कहीं आगे हैं।
काकोडकर ने कहा कि परमाणु हथियारों का दार्शनिक पक्ष शांति हो सकती है, क्योंकि वे प्रतिरोधी क्षमता का काम करते हैं इसलिए मैं उन्हें शांति का हथियार कहता हूं।
काकोडकर ने कहा कि 1998 में हुआ दूसरा पोखरण परीक्षण बतौर भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के निदेशक मेरे लिए एक प्रौद्योगिकी और प्रबंधन चुनौती थी और यह मेरे पद और मेरे परिवार के लिए मुश्किल भरा समय था। हालांकि उन्होंने इस मुश्किल के बारे में नहीं बताया।
इस्तेमालशुदा ईंधन के बारे में सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस ईंधन का प्रस्संकरण और पुर्नउपयोग किया जा सकता है, क्योंकि तब यह पर्यावरण के अनुकूल बन जाता है।
उनका कहना था कि प्रतिबंधों के चलते पिछले कई वर्षों में परमाणु बिजली के उत्पादन लक्ष्य को हासिल कर पाना मुश्किल हो गया था।