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आवश्यक वस्तुओं की कीमतें घट रहीं हैं : पवार

केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने गुरुवार को कहा कि चीनी सहित आवश्यक वस्तुओं की कीमतें अब कम हो रही हैं। खरीफ अभियान पर एक सम्मेलन के उद्घाटन के बाद पवार ने संवाददाताओं से कहा, ''चीनी, आलू और अन्य...

आवश्यक वस्तुओं की कीमतें घट रहीं हैं : पवार
एजेंसीThu, 18 Mar 2010 04:47 PM
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केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने गुरुवार को कहा कि चीनी सहित आवश्यक वस्तुओं की कीमतें अब कम हो रही हैं।

खरीफ अभियान पर एक सम्मेलन के उद्घाटन के बाद पवार ने संवाददाताओं से कहा, ''चीनी, आलू और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में कमी हो रही है। स्थिति निश्चित रूप से बदल रही है और यह एक अच्छा संकेत है।''

बढ़ती कीमतों की स्थिति से सही तरीके से नहीं निपटने के कारण संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के भीतर और बाहर आलोचनाओं का सामना कर रहे पवार ने कहा कि वह एक अर्थशास्त्री नहीं हैं, इसलिए यह नहीं बता सकते कि थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रा स्फीति की दर क्यों बढ़ रही है।

उन्होंने कहा, ''मैं एक अर्थशास्त्री नहीं हूं। मैं एक किसान हूं। मैं इसे नहीं समझता कि क्यों महंगाई की दर बढ़ रही है।''

खाद्य पदार्थो की बढ़ती कीमतों के कारण देश की वार्षिक मुद्रा स्फीति की दर फरवरी माह में बढ़कर 9.89 प्रतिशत हो गई। जनवरी महीने में मुद्रा स्फीति की दर 8.56 प्रतिशत थी।

पिछले कुछ महीनों से आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में हुई भारी वृद्धि के कारण भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), वामपंथी दल और अन्य विपक्षी पार्टियां संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को निशाना बना रही हैं।

सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर उनके खिलाफ लगे आरोपों के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा, ''मैं उन्हें स्वीकार करता हूं।''

गोदामों में पड़े अतिरिक्त गेहूं के निर्यात से इंकार करते हुए उन्होंने कहा, ''गेहूं निर्यात की अनुमति देने का कोई सवाल ही नहीं है। मेरे मंत्रालय का गरीबी रेखा से ऊपर के परिवारों के लिए अधिक गेहूं के आवंटन का प्रस्ताव है।''

पवार ने कहा कि उनकी योजना इस प्रस्ताव को विशेष अधिकार मंत्रियों की गुरुवार को होनी वाली बैठक में रखने की थी लेकिन बैठक स्थगित हो गई।

भंडारण क्षमता के अपर्याप्त होने को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी समस्या है।

पवार ने राज्यों से फसलों की स्थिति के आंकड़ाें के संग्रह की व्यवस्था में सुधार करने के लिए भी कहा। राज्यों के गन्ने के उत्पादन के अपर्याप्त आंकड़ें देने के कारण चीनी का मूल्य बढ़ा। अब राज्यों ने कृषि मंत्रालय के निर्देशानुसार वास्तविक उत्पादन आंकड़े दिए हैं।

पवार ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार ने भी महसूस कर लिया है कि भारत में गन्ने का उत्पादन सुधर रहा है, इसलिए चीनी की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में भी गिरावट आ रही है।

कृषि मंत्री ने बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए राज्यों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत बनाने को कहा।

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