स्वर्णिम प्रदर्शन से मिलेगी राष्ट्रमंडल खेलों में प्रेरणाः संधू
भारतीय मुक्केबाजी टीम के कोच जीएस संधू ने मुक्केबाजी राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप में छह स्वर्ण पदक जीतने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि इस शानदार प्रदर्शन से अक्टूबर में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में...
भारतीय मुक्केबाजी टीम के कोच जीएस संधू ने मुक्केबाजी राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप में छह स्वर्ण पदक जीतने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि इस शानदार प्रदर्शन से अक्टूबर में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में मुक्केबाजों को अच्छा करने की प्रेरणा मिलेगी।
राष्ट्रमंडल खेलों से पहले इस परीक्षण टूर्नामेंट में जहां राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति को घरेलू हालातों का पता चला वहीं मुक्केबाजों ने भी इन खेलों से पहले अपने ताकतवर पंचों को परख लिया। बीजिंग ओलंपिक कांस्य पदकधारी विजेंदर सिंह नाक में चोट लगने के बावजूद बेहतरीन जीत दर्ज की और वह दर्शकों के उत्साह से काफी खुश थे। संधू ने फाइनल में पहुंचे सभी मुक्केबाजों द्वारा पहला स्थान हासिल करने के बाद कहा कि खुशी का ठिकाना नहीं है और यह हमारा इस चैम्पियनशिप में अब तक का बेहतरीन प्रदर्शन है। मैं अपने मुक्केबाजों के प्रदर्शन से काफी खुश हूं।
इंग्लैंड के मुक्केबाजों के खिलाफ इससे पहले तीन बार रिंग में उतर चुके विजेंदर हालांकि अपनी चोट के कारण शुरू में थोड़े डरे थे क्योंकि डाक्टर और रैफरियों का ध्यान उन पर लगा हुआ था। कालूवास के इस मुक्केबाज ने कहा कि पहले राउंड में खून निकलने से थोड़ा डर गया था और नर्वस था। सभी का ध्यान मेरे ऊपर था कि कहीं इसके कारण बाउट न रोक दी जाए, लेकिन दर्शकों ने मेरा काफी उत्साह बढ़ाया। मैं सभी का शुक्रिया अदा करता हूं।
विजेंदर ने यह स्वर्ण अपने कोच, माता पिता और सभी दोस्तों को समर्पित किया। उन्होंने रणनीति के बारे में कहा कि मेरी रणनीति सकारात्मक खेलने की थी। मेरा प्रतिद्वंद्वी काफी मजबूत था, लेकिन अपने देश में चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर काफी खुश हूं। उन्होंने कहा कि लेकिन मैं सिर्फ कभी भी संतुष्ट मत रहो के फलसफे पर काम करता हूं। इसलिये अब निगाहें राष्ट्रमंडल खेलों पर लगी हैं। अब विजेंदर अप्रैल में क्यूबा में ट्रेनिंग कम टूर्नामेंट में भाग लेंगे।
संधू ने कहा कि मैं यहां मुक्केबाजों के प्रदर्शन से काफी खुश हूं और निश्चित रूप से इससे हमें राष्ट्रमंडल खेलों में काफी मदद मिलेगी। अब हमें अपनी ताकत का अंदाजा हो गया, हालांकि राष्ट्रमंडल खेलों में चुनौती इससे बड़ी होगी। यह पूछे जाने पर कि इस टूर्नामेंट में उन्हें 10 में से अपने किस मुक्केबाज के प्रदर्शन ने प्रभावित किया तो उन्होंने कहा कि मेरे लिए मेरे सभी बच्चों एक से हैं। मेरे सभी मुक्केबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया।