अंतर्विरोधों से घिरी भाजपा भी महिला विधेयक पर नरम
महिला आरक्षण विधेयक को राज्यसभा में पारित कराने में बड़ी भूमिका निभाने वाली भाजपा भी अब इस मसले पर पीछे हटने लगी है। संगठन में विरोध के के बीच पार्टी ने बुधवार को नरमी के संकेत दिए। पार्टी ने कहा कि...
महिला आरक्षण विधेयक को राज्यसभा में पारित कराने में बड़ी भूमिका निभाने वाली भाजपा भी अब इस मसले पर पीछे हटने लगी है। संगठन में विरोध के के बीच पार्टी ने बुधवार को नरमी के संकेत दिए। पार्टी ने कहा कि वह इस बारे में खुले मन से विचार करने को तैयार है।
संसद के बजट सत्र के पहले चरण के समापन पर लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने यहां संवाददाताओं से कहा कि महिला विधेयक के बारे में सरकार द्वारा बुलायी जाने वाली सर्वदलीय बैठक में भाजपा खुले मन से हिस्सा लेगी।
उनसे सवाल किया गया था कि सरकार अगर विधेयक में कुछ परिवर्तन करती है तो क्या भाजपा उसका समर्थन करेगी।
सुषमा ने कहा कि मैं स्वीकार करती हूं कि मेरी पार्टी के भीतर महिला विधेयक को लेकर मत भिन्नताएं हैं और लोकतांत्रिक पार्टी होने के चलते सबको अपनी राय रखने का हक है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने माना कि महिला आरक्षण विधेयक में अन्य पिछडे वर्गों को आरक्षण देने की व्यवस्था करने के संबंध में राकांपा की ओर से भाजपा को एक पत्र मिला है लेकिन इस बारे में और कुछ कहने से उन्होंने इंकार कर दिया।
प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली और सुषमा दोनों ने कहा कि एक बात तो साफ है कि राज्यसभा की तरह लोकसभा में इस विधेयक को मार्शलों के साये तले नहीं पारित होने दिया जाएगा।
यह पूछने पर कि यदि विधेयक में सरकार कुछ परिवर्तन लाती है तो क्या भाजपा उसका समर्थन करेगी, सुषमा ने कहा कि लोकसभा में जब विधेयक आएगा तो देखेंगे। हम विधेयक का समर्थन कर रहे हैं। हमने पहले ही सरकार से कह दिया है कि उच्च सदन की तरह निचले सदन में मार्शल नहीं लाने देंगे।
यह कहे जाने पर कि लोकसभा में महिला विधेयक के खिलाफ बडी तादाद में विरोधियों की संख्या को देखते हुए मार्शलों के बिना इसे पारित कैसे किया जा सकेगा, उन्होंने कहा कि सदन के प्रबंधन की व्यवस्था सरकार का कर्तव्य है और अगर सरकार हमसे इस बारे में कोई सलाह लेगी तो हम उसे देंगे लेकिन अभी तक सरकार ने हमसे इस बारे में कुछ पूछा नहीं है।
भाजपा ने महिला विधेयक को लेकर नरमी का संकेत तो दिया है लेकिन इस बारे में अपने पत्ते नहीं खोले हैं। जेटली ने कहा कि हमने राज्यसभा में भी मार्शलों के इस्तेमाल का विरोध किया। चर्चा नहीं कराने और मार्शल बुलाने का विरोध न सिर्फ हमने सभापति से बल्कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी किया। इस बारे में एक मत है कि मार्शलों की उपस्थिति में न तो चर्चा होगी और न ही मतदान।