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राष्ट्रमंडल खेलों से पहले भिखारियों से मुक्त होगी दिल्ली

दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट को आश्वास्त किया है कि अक्टूबर में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों से पहले राजधानी की सड़कों को भिखारियों से मुक्त कर दिया जाएगा। सरकार ने अदालत को यह भी बताया है कि...

राष्ट्रमंडल खेलों से पहले भिखारियों से मुक्त होगी दिल्ली
एजेंसीSun, 14 Mar 2010 08:03 PM
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दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट को आश्वास्त किया है कि अक्टूबर में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों से पहले राजधानी की सड़कों को भिखारियों से मुक्त कर दिया जाएगा। सरकार ने अदालत को यह भी बताया है कि भिखारियों के पुनर्वास के लिए विभिन्न राज्यों को पत्र भेज दिया गया है।

राज्य सरकार ने इसी सप्ताह के शुरू में अदालत में एक शपथ पत्र दायर कर न्यायधीश विक्रमजीत सेन और न्यायाधीश मनमोहन सिंह की दो सदस्यीय खंडपीठ को इस बारे में सूचित किया कि सरकार ने उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल सहित 10 राज्यों को यहां के भिखारियों को उनके पैतृक स्थानों पर पुनर्वास करने के लिए पत्र लिखा है।

सामाजिक कल्याण मंत्रालय के मुताबिक दिल्ली की सड़कों पर भिक्षा मांगने वालों में सबसे अधिक उत्तर प्रदेश के 27 प्रतिशत लोग हैं। इसके बाद बिहार के 17 प्रतिशत और पश्चिम बंगाल के 5.72 प्रतिशत लोग राजधानी की सड़कों पर भिक्षा मांग रहे हैं।

समाजिक कल्याण विभाग द्वारा जारी एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि राजधानी की सड़कों पर ये लोग इस लिए भिक्षा मांगते हैं क्योंकि यहां भिक्षा मांगना अन्य शहरों की तुलना में काफी लाभदायक है।

यद्यपि, भिक्षा विरोधी अभियान चलाए जाने के बावजूद सरकार दिल्ली की सड़कों को भिखारियों से मुक्त करने में नाकाम साबित हुई है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने इससे पहले इन भिखारियों को दिल्ली सरकार और विभिन्न राज्यों के बीच समन्वय स्थापित कर उनके पैतृक स्थानों में पुनर्वास किए जाने के संबंध में फैसला सुनाया था।

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