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खिताब के लिए भिड़ेंगे जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया

गत चैंपियन जर्मनी की नजरें हॉकी विश्व कप के फाइनल में खिताब की हैट्रिक पूरी करके इतिहास रचने पर होगी जबकि ऑस्ट्रेलिया 24 साल में पहली बार खिताब जीतने की फिराक में है।      युवा...

खिताब के लिए भिड़ेंगे जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया
एजेंसीFri, 12 Mar 2010 04:49 PM
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गत चैंपियन जर्मनी की नजरें हॉकी विश्व कप के फाइनल में खिताब की हैट्रिक पूरी करके इतिहास रचने पर होगी जबकि ऑस्ट्रेलिया 24 साल में पहली बार खिताब जीतने की फिराक में है।
    
युवा और अनुभवहीन टीम को लेकर आई जर्मनी ने लगातार अच्छा प्रदर्शन करके साबित कर दिया है कि उसमें बड़े मैचों को जीतने का माद्दा है। जर्मन कप्तान मैक्स म्यूलर ने फाइनल से पहले कहा कि हमारी सफलता की कुंजी लगातार अच्छा प्रदर्शन रहा है। हमने बड़े मैचों में अच्छा खेल दिखाया जो इन युवा खिलाड़ियों की काबिलियत साबित करता है।

विश्व कप 2002 और 2006 में खिताब जीतने वाली जर्मन टीम के सिर्फ तीन खिलाड़ी मोंशेंग्लाबाख में पिछले विश्व कप की टीम का हिस्सा थे। इनमें जान मोंटेग, मौरिटज फर्स्टे और मथियास विथाउस शामिल हैं। इससे मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम पर उनके प्रदर्शन पर कोई असर नहीं पड़ा है।
 
अपने पेनल्टी कार्नर विशेषज्ञ क्रिस्टोफर जेलेर के बिना उतरी जर्मन टीम ने पहले मैच में दक्षिण कोरिया से 2-2 से ड्रॉ खेला था। इसके बाद मैच दर मैच उसके प्रदर्शन में निखार आया है और सेमीफाइनल में इंग्लैंड को 4-1 से हराया।
   
युवा मैक्सीमिलान म्यूलर की कप्तानी में जर्मन खिलाड़ियों ने खिताब की उम्मीदें जगाई हैं। इस मैच से ओलंपिक चैंपियन टीम को पिछले साल चैंपियंस ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया के हाथों मिली हार का बदला चुकता करने का मौका भी मिल जाएगा। विश्व कप से पहले दोनों टीमों के बीच यह आखिरी मैच था।

आंकड़ों की बात करें तो जर्मनी का पलड़ा भारी लग रहा है क्योंकि उसने विश्व कप के चार मैचों में से तीन में ऑस्ट्रेलिया को हराया है जबकि उसे एक बार ही पराजय का सामना करना पड़ा है।पिछले दो विश्व कप फाइनल में जर्मनी ने ऑस्ट्रेलिया को हराया लिहाजा कोच मार्कस वेस की टीम को मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल होगी।
    
दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया ने पहले मैच में इंग्लैंड के हाथों 3-2 से मिली अप्रत्याशित हार के बाद लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। ल्यूक डोरनर टूर्नामेंट में सात गोल दागकर अग्रणी गोल स्कोरर बने हुए हैं। ये सारे गोल उन्होंने पेनल्टी कार्नर पर किए हैं।

इनके साथ ही ग्लेन टर्नर, डेसमंड एबोट और युवा जैमी डवायेर की तिकड़ी को रोकना जर्मन डिफेंस के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगा। दोनों टीमों की ताकत और कमजोरी को देखते हुए यह ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण और जर्मन डिफेंस के बीच मुकाबला होगा।

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