बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के वास्ते प्रदेश में सत्तासीन जनता दल युनाईटेड एक हस्ताक्षर अभियान चलाएगा ।
जदयू की राज्य परिषद की विस्तारित बैठक के दौरान पार्टी द्वारा पारित एक प्रस्ताव में राज्य को विशेष प्रदेश का दर्जा दिए जाने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के वास्ते पार्टी ने एक हस्ताक्षर अभियान चलाने का निर्णय किया है।
इस अभियान के तहत बिहार के एक करोड लोगों के हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन जदयू द्वारा राष्ट्रपति को सौंपा जाएगा और उनसे बिहार को बिना किसी विलंब के विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग की जाएगी।
प्रस्ताव में केंद्र सरकार पर बिहार के प्रति लगातार उपेक्षा का भाव रखने का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि बिहार विशेष राज्य का दर्जा पाने के सारे मापदंडों को पूरा करता है । इसके बावजूद अभीतक इसे यह दर्जा नहीं दिया गया है।
प्रस्ताव में केंद्र सरकार पर बिहार की तरक्की में बाधा खडी करने का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि औद्योगिकरण के कई प्रस्ताव केंद्र सरकार की दखलअंदाजी एवं असहयोग के कारण यहां लंबित पडे हैं।
इसमें यह भी कहा गया है कि जहां विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में कोयला लिंकेज नहीं देकर बाधा खडी की जा रही है वहीं इस प्रदेश में इथेनॉल उत्पादन की अत्यधिक संभावना है एवं उसके संयंत्र लगाने के कई प्रस्ताव भी मौजूद हैं पर इथेनॉल के साथ चीनी उत्पादन की बाध्यता कर केंद्र सरकार इसे भी रोकने का काम कर रही है।
जदयू के उक्त प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष करों में प्रदेश का मुनासिब हिस्सा भी नहीं दिया जा रहा है।