दिल्ली की मुख्यमंत्री ने 27 मार्च को ‘अर्थ आवर’ मनाने के लिए घंटा भर बत्तियां गुल रखने की अपील की है। दुनिया भर में छाए ऊर्जा संकट को देखते हुए ऐसे प्रतीकात्मक अभियानों का अपना महत्व है। मगर जहां बिना बताए रोज कई घंटों का ‘अर्थ आवर’ मनाना पड़ता हो, वहां इस अपील का शायद ही कोई असर हो।
ऊर्जा की मांग दिन दूनी रात चौगुनी रफ्तार से बढ़ रही है। अंधाधुंध तेल फूंका जा रहा है। गैरजरूरी रोशनी की जाती हैं। हमने समूचे इंसानी जीवन को बिजली का मोहताज बना डाला है। जो जितनी ज्यादा ऊर्जा खरचे, वह उतना बड़ा आदमी माना जाता है! ऐसे में लोगों को ‘अर्थ आवर’ जैसे अभियान का सही अर्थ समझा पाना आसान नहीं।