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बिहार में पेयजल एवं स्वच्छता नीति के लिए एक प्रारुप तैयार

राज्य सरकार ने आज विधान परिषद में कहा कि राज्य में पेयजल एवं स्वच्छता नीति के लिए एक प्रारुप तैयार किया गया है और इसकी जानकारी वेब साइट के माध्यम से दी गई है।  लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री...

बिहार में पेयजल एवं स्वच्छता नीति के लिए एक प्रारुप तैयार
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 09 Mar 2010 07:20 PM
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राज्य सरकार ने आज विधान परिषद में कहा कि राज्य में पेयजल एवं स्वच्छता नीति के लिए एक प्रारुप तैयार किया गया है और इसकी जानकारी वेब साइट के माध्यम से दी गई है।

 लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के केदार नाथ पांडेय के एक तारांकित प्रश्न के जवाब में कहा कि वेब साईट के माध्यम से जानकारी दी गई है और सुझाव प्राप्त होने पर संशोधन कर इसे अंतिम रुप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में 43 लाख हेक्टेयर मीटर सतही जल और 27.42 लाख हेक्टेयर मीटर भूगर्भ जल उपलब्ध है। 


 चौबे ने राष्ट्रीय जनता दल के बादशाह प्रसाद आजाद के एक अन्य तारांकित प्रश्न के उत्तर में स्वीकार किया कि वर्ष 2009 में राज्य में एक भी निर्मल ग्राम का निर्माण नहीं हुआ है। जिला एवं स्वच्छता समिति के माध्यम से निर्मल ग्राम पुरस्कार के लिए 126 पंचायतों से प्राप्त आवेदनों को समय पर केन्द्र सरकार को भेज दिया गया था।


 लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा नियुक्त की गई एजेंसी ने पंचायतों का सत्यापन किया है। उन्होंने कहा कि निर्मल ग्राम पुरस्कार 2009 के पुनरीक्षित मार्ग दर्शिका के अनुसार निर्मल ग्राम पुरस्कार के लिए आवेदित ग्राम पंचायत में शत-प्रतिशत शौचालय निर्माण एवं उपयोग के साथ चापाकलों (हैंडपंपों) के प्लेटफार्म का निर्माण गांव में कचरा के निपटान बेकार पानी एवं कूडे कचड़े के निपटान की व्यवस्था अनिवार्य है। साथ ही विद्यालय में छात्र-छात्राओं के लिए शौंचालय की पूर्ण व्यवस्था जरुरी है। उन्होंने कहा कि इन सभी अनिवार्यताओं में से किसी एक के भी नहीं होने पर उस पंचायत को निर्मल ग्राम पंचायत के योग्य नहीं मानी जाती है।

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