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क्या कहती है आपकी कमर

खूबसूरत, आकर्षक और छरहरी कमर महिलाओं के सौंदर्य में चार चांद लगा देती है। इतना ही नहीं, कमर के साइज से महिला की फिटनेस का पता भी चलता...

क्या कहती है आपकी कमर
Thu, 27 Sep 2012 05:03 PM
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खूबसूरत, आकर्षक और छरहरी कमर महिलाओं के सौंदर्य में चार चांद लगा देती है। इतना ही नहीं, कमर के साइज से महिला की फिटनेस का पता भी चलता है। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि आप अपनी कमर का ध्यान रखें। योग, सूर्य नमस्कार और खान-पान इसमें आपकी सहायता करेंगे। सत्य सिंधु पूरी जानकारी दे रहे हैं

एक एमएनसी के एचआर विभाग में काम करने वाली 26 साल की खूबसूरत स्नेहा, अभिनेत्री करीना की जीरो साइज फिगर से इस कदर प्रभावित हुईं कि डायटीशियन से लेकर जिम तक के चक्कर लगाने लगीं और जुनूनी तरीके से कुछ ही महीने में उन्होंने खुद को अंडरवेट कर लिया। उनके घर वाले चिंतित हो गए। दूसरी तरफ उनके दफ्तर में ही काम करने वाली 32 वर्षीय शादीशुदा रागिनी शर्मा थीं। उनकी लंबाई तो 5.3 फिट थी लेकिन उनका बीएमआई 27 से अधिक था। उनके दोस्त उन्हें मोटी भी कह देते, लेकिन उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता था। वह बड़े चाव से फास्ट फूड खातीं, दिन भर में कई कोल्ड ड्रिंक पी जातीं। एक दिन अचानक पता चला कि वह हॉस्पिटल में हैं। एक बच्चाी की मां रागिनी को तब सूझ नहीं रहा था कि कहां गलती हुई।

प्रियंका अंडरवेट हो गईं, जबकि रागिनी मोटापे की शिकार। डॉक्टर प्रियंका को गलत मानते हैं और रागिनी को लापरवाह। डॉक्टर के अनुसार, न तो आपका बीएमआई 19 से कम होना चाहिए और न ही 23 से अधिक। महिलाओं की कमर की साइज 24 इंच यानी 60 से.मी. से अधिक और 32 इंच यानी 80 से.मी. से कम होनी चाहिए। तभी तो महिलाओं के फिगर की आदर्श माप 36-24-36 मानी जाती है। लेकिन आपकी कमर की साइज 32 इंच से अधिक हुई तो डॉक्टर और लाइफ स्टाइल एक्सपर्ट के अनुसार आपको अपनी सेहत के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए।

आपकी कमर का साइज क्या है
कमर का साइज 24 से 32 इंच के बीच होना चाहिए, लेकिन इसका रिश्ता उम्र और विवाह से भी जुड़ा हुआ है। अगर आपकी लम्बाई 5 फीट से 5 फीट 4 इंच के बीच है तो आपकी कमर का साइज 24 से 26 इंच के बीच होना चाहिए। लम्बाई 5.4 इंच से अधिक है तो कमर का साइज 28 इंच तक हो सकता है। अगर आपकी शादी हो चुकी है और आप मां बन चुकी हैं तो कमर 32 इंच तक हो सकती है। अगर कमर 32 इंच से अधिक है तो डॉक्टरों के अनुसार चिंता की बात है।

जीरो साइज के पीछे न पड़ें
स्नेहा की तरह जीरो साइज के चक्कर में पड़ना सेहत के लिए घातक साबित हो सकता है। डॉक्टर कहते हैं कि इससे आप निम्न रक्तचाप की शिकार तो हो ही सकती हैं, आपकी हड्डियों में कैल्शियम की भी कमी हो जाएगी। मूलचंद वुमन हॉस्पिटल की कन्सल्टेंट (गाइनोकोलोजी) डॉ. मंजू होतचंदानी बताती हैं कि इससे प्रेग्नेंसी के बाद आपकी हड्डियों में दर्द शुरू होगा, क्योंकि आपके गर्भ में पल रहा बच्चा भी आपसे कैल्शियम की काफी मात्र लेता है। जब आप मां बन जाएंगी तो भी हड्डियों का यह दर्द परेशान करेगा। बाल भी गिरेंगे और इस तरह की अन्य समस्याएं भी परेशान कर सकती हैं।

कहां होती है गड़बड़ी
मेडिकल डॉक्टर और वेलनेस एक्सपर्ट डॉ. शिखा शर्मा के अनुसार, असुरक्षित माहौल और सामाजिक स्थितियों के कारण महिलाएं घर से बाहर जाने से बचती हैं। इससे शारीरिक गतिविधियां कम होती हैं या खत्म हो जाती हैं। झाड़-पोछा एक विकल्प होता भी है, जिसे अमूमन वे करना नहीं चाहती हैं।

तुरंत चेतें, लेकिन जल्दबाजी न दिखाएं
बेरियाट्रिक सजर्न डॉ. मुफ्फजल लक्कड़वाला बताते हैं कि अगर बीएमआई 23 से 27 के बीच है तो समझों कि आपका वजन बढ़ चुका है। खाने-पीने और व्यायाम पर थोड़ा ध्यान देकर आप खुद ही इस पर काबू पा सकती हैं। बीएमआई 27 से ऊपर पहुंच जाए तो आप मोटापे का शिकार हो चुकी हैं, जिसे नियंत्रित करने के लिए डॉक्टर और डायटीशियन की सलाह की जरूरत पड़ेगी। लेकिन बीएमआई 37.5 से अधिक हो गया तो समझ लें कि खतरे की घंटी बज चुकी है। इस स्थिति में ब्रेस्ट कैंसर, यूट्रस कैंसर, पित्त की थैली में पथरी की आशंका, प्रेग्नेंसी में समस्या आदि बढ़ जाती है। ऐसे में बेरियाट्रिक सजर्री की जरूरत पड़ती है, लेकिन इससे ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। सेहत को दुरुस्त करने के लिए जरूरी ऑपरेशन से नहीं घबराना चाहिए। कई सारे लोग इसका सहारा लेते हैं।

योग है सहायक
हमारी सेहत को दुरुस्त रखने में ध्यान और योग की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही है। कुछ ध्यान और योग ऐसे भी हैं, जो आपकी कमर को परफेक्ट रखने में आपकी पूरी सहायता कर सकते हैं।

श्वास-प्रश्वास पर ध्यान केंद्रित करें
कमर और गर्दन को सीधी रखते हुए पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं। आंखें बंद करते हुए अपना ध्यान श्वास के आने-जाने पर केन्द्रित करें। श्वास लेने व छोड़ने को एक गिनती मानें। इस क्रिया को 27 की गिनती तक करें। इस बात का ध्यान रखें कि यह गिनती उल्टी हो। इसका उद्देश्य है खुद को वर्तमान में लाना। इससे तनाव दूर होता है और सोच सकारात्मक बनती है। जिसका असर आपकी कमर पर पड़ता है।

नियमित ध्यान करें
ओम शब्द आ, ओ और म से मिलकर बना है, जो हमें विष्णु,महेश का आह्वान करवाता है। यह वात, पित्त, कफ तीनों दोषों को दूर करता है। इसके लिए सबसे पहले पद्मासन या सुखासन में बैठें। कमर व गर्दन को सीधी करें। आंखें बंद कर ज्ञान मुद्रा में बैठें। अब लम्बी श्वास भरें, छोड़ते वक्त म अक्षर पर ज्यादा ध्यान देते हुए ओम का अभ्यास करें। दूसरे समुदाय के लोग अपने इष्टदेव या गुरुमंत्र का अभ्यास कर सकते हैं। इससे अवसाद, तनाव, क्रोध भाव, उच्च रक्तचाप में लाभ होता है।

ऐसे जानें अपना बीएमआई
अपनी लंबाई को मीटर में बदलें और उसका स्क्वॉयर कर अपने वजन में भाग दे दें। यानी बीएमआई=वजन/ लंबाई (मीटर स्क्वॉयर में)।

अगर आपकी लम्बाई 5.3 फीट है और वजन 55 कि.ग्रा. तो आपकी बीएमआई होगी 55/1.671.6 यानी 21.5 जो आदर्श बीएमआई है।

आपकी लम्बाई फिट व मीटर में
4.10 फीट यानी 1.47 मीटर
4.11 फीट यानी 1.5 मीटर
5 फीट यानी 1.52 मी.
5.1 फीट यानी 1.55 मी.
5.2 फीट यानी 1.58 मीटर
5.3 फीट यानी 1.6 मीटर
5.4 फीट यानी 1.63 मी.
5.5 फीट यानी 1.65 मी.
5.6 फीट=1.68 मीटर

सूर्य नमस्कार है अचूक
मोटापे को नियंत्रित करने या इससे दूर रहने के लिए सूर्य नमस्कार बेहद कारगर है। इसके 10 से 12 चक्रों का अभ्यास करने से शरीर की चर्बी गलने लगती है। यह हृदय, फेफड़ों, जोड़ों, चेहरे, आंखों, बालों और दूसरे रोगों में रामबाण का काम करता है, क्योंकि इस डायनामिक क्रिया से शरीर से काफी पसीना और टॉक्सिन बाहर आता है। इसलिए इसे करने से पहले कम से कम दो गिलास पानी जरूर पी लें। इसमें 12 अवस्थाएं होती हैं, लेकिन शुरू में 6 ही चक्रों का अभ्यास करना चाहिए। एक चक्र में 1 से 2 मिनट का समय लगता है। और हां, अगर आप मां बनने वाली हैं या उच्च रक्तचाप, हृदय आदि की रोगी हैं तो किसी योगगुरु की देखरेख में ही इसका अभ्यास करें।
सुनील सिंह, योग गुरु

बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) और आपकी सेहत
19 से कम: आपका वजन कम है
19 से 23 के बीच: वजन आदर्श है
23 से 29 के बीच: वजन अधिक है
29 से अधिक है: मोटापे की शिकार हैं
37.5 से अधिक: आपको सजर्री की जरूरत पड़ेगी

सही डाइट लें और एक्सरसाइज करें
डॉ. शिखा शर्मा के अनुसार, मीठी चीजों को सबसे पहले ‘न’ कहें। चीनी दिन भर में एक चम्मच से अधिक बिल्कुल न लें। ब्रेड, सफेद चावल, मैदे से बनी हुई चीजों का मोह त्यागें। ब्रेड की जगह दलिया लें, गेंहू में चना मिला लें। साबुत अनाज का इस्तेमाल ज्यादा करें, जिनमें दलिया, मक्का, ब्राउन राइस, पोहा, काला चना आदि प्रमुखता से शामिल हैं। तेल से भी बचें और खाने में उबली हुई सब्जियों को भी प्रमुखता से शामिल करें। रात का खाना हल्का लें और सोने के दो घंटे पहले जरूर ले लें। रोज वॉक जरूर करें।

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