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विश्व बैंक ने भी भारत का जीडीपी अनुमान घटाया

विश्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अनुमान को पहले के 6.9 प्रतिशत की तुलना में करीब एक प्रतिशत घटाकर छह प्रतिशत कर दिया...

विश्व बैंक ने भी भारत का जीडीपी अनुमान घटाया
Thu, 11 Oct 2012 05:53 PM
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खनन और दूरसंचार क्षेत्रों में घोटालों, बुनियादी सुविधा क्षेत्र की समस्याओं और आर्थिक सुधारों की धीमी गति का वास्ता देकर विश्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अनुमान को पहले के 6.9 प्रतिशत की तुलना में करीब एक प्रतिशत घटाकर छह प्रतिशत कर दिया है।

विश्व बैंक ने भारत का जीडीपी अनुमान घटाने के साथ यह भी चेताया है कि यदि यूरोप में आर्थिक माहौल और खराब होते हैं तो भारत की विकास दर को और घटाने का उच्च जोखिम रहेगा।

बैंक का मानना है कि ईंधन और खाद्य पदार्थों की कीमतों में तेजी की वजह से चालू वित्त वर्ष में महंगाई आठ प्रतिशत तक पहुंच सकती है। इस वर्ष अगस्त में महंगाई 7.6 प्रतिशत रही थी,  किंतु उम्मीद से कमजोर मानसून की वजह से मुद्रास्फीति पर असर पड़ सकता है।

विश्व बैंक ने बुधवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि बिजली की कमी, खनन और दूरसचार क्षेत्रों के घोटाले और विधाई प्रस्तावों के लंबित रहने की वजह से निवेशकों में भारत के प्रति अनिश्चितता का माहौल है।

गौरतलब है कि देश में आर्थिक सुधार में तेजी लाए जाने के बावजूद साख निर्धारण करने वाली अंतरराष्ट्रीय एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (एस एडं पी) ने बुधवार को ही चेतावनी दी थी कि अगले 24 महीनों में भारत की साख घटाई जा सकती है।

इसके पहले अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष ने भी मंगलवार को भारत के जीडीपी अनुमान को घटाकर 4.9 प्रतिशत कर दिया था। विश्व बैंक ने कहा है कि दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं की विकास दर को देखते हुए भारत को अपनी आर्थिक गति बढाने के लिए घरेलू स्तर पर अधिक जोर लगाना होगा।

बैंक कहा है कि हाल में घोषित उपायों को लागू करना सही दिशा में कदम होगा। बैंक का कहना है कि प्रत्यक्ष कर की दिशा में आगे और सुधार के साथ-साथ वस्तु एवं सेवा कर में लंबी देरी को खत्म कर इसे तेजी से लागू करने के उपाय किए जाने चाहिए।

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था की रफ्तार 5.5 प्रतिशत रही थी।हालंकि समाप्त वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में इसमें 5.3 प्रतिशत की तुलना में मामूली सुधार हुआ था।

कई अन्य संस्थाएं पहले ही भारत के जीडीपी अनुमान को कम कर चुकी हैं। गोल्ड मैन सैच्स का अनुमान है कि यह 6.6 प्रतिशत की रफ्तार से बढेगी जबकि मेरी लिंच ने अनुमान 6.8 प्रतिशत से घटाकर 6.5 प्रतिशत किया है।
 

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