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साथ-सुथरी राजनीति की मिसाल

पद्म विभूषण बेगम कुदेसिया एजाज रसूल ने हर समय समाज के दबे कुचले वर्ग को आगे लाने का प्रयास किया। नवाब परिवार की बेटी बेगम कुदेसिया को वंचित तबके का दर्द मालूम...

साथ-सुथरी राजनीति की मिसाल
Fri, 30 Dec 2011 02:07 PM
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पद्म विभूषण बेगम कुदेसिया एजाज रसूल ने हर समय समाज के दबे कुचले वर्ग को आगे लाने का प्रयास किया। नवाब परिवार की बेटी बेगम कुदेसिया को वंचित तबके का दर्द मालूम था। पराधीन भारत में 1937 में वह एमएलसी बनीं। फिर 1985 तक लगातार विधानसभा, विधान परिषद और लोकसभा सदस्य रहीं। इतने साल तक सत्ता के करीब रहने के बाद भी कभी ऐसा नहीं हुआ कि वह जनता से दूर हुई हों। उनकी चिंता के केन्द्र में हमेशा आम आदमी की तकलीफें रहीं और उन्हें दूर करने के लिए उन्होंने संघर्ष भी किया। उनका व्यक्तित्व  साथ-सुथरी राजनीति की मिसाल बनकर उभरता है।

पंजाब प्रान्त के मलेरकोटला में पं. जवाहर लाल नेहरू के मित्र और कद्दावर राजनीतिज्ञ नवाब सर ज़ुल्फिकार अली खान के यहां उनका जन्म हुआ। शादी अवध के ताल्लुकेदार नवाब सैय्यद एजाज रसूल के साथ हुई जो सांसद बने। एजाज 40 साल तक नगरपालिका संडीला के चेयरमैन रहे। एक राजनीतिज्ञ होने के साथ उनका रुझान महिलाओं और बच्चों के कल्याण की ओर था। उनके व्यक्तित्व का यह पहलू उन्हें अन्य राजनेताओं की फेहरिस्त से अलग करता है। ऑल इंडिया वूमेन कान्फ्रेंस, काउंसिल ऑफ चाइल्ड वेलफेयर, काउंसिल ऑफ यूनिवर्सिटी वूमेन और काउंसिल ऑफ मॉरल एण्ड सोशल हाईजीन की अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने समाज के इस तबके को आगे बढमने के प्रयास किए। प्रौढ़ शिक्षा तथा फैमिली प्लानिंग पर भी काफी काम किया। वह इंदिरा गांधी के काफी नज़्‍ादीक रहीं और उनके साथ कई विदेश यात्राएं कीं। हॉकी में महिलाओं की पैठ मज़्‍ाबूत करने के लिए उन्होंने लडकियों को संगठित किया। 1956 से 25 साल तक ऑल इंडिया वूमेन्स हॉकी एसोसिएशन की प्रेसीडेंट रहीं और हॉकी को अंतरराष्ट्रीय ख्याति दिलाई। इलाहाबाद, अलीगढ़, आगरा व लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रमुख सलाहकार, करामत हुसैन मुस्लिम गर्ल्स इंटर/डिग्री कॉलेज के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स, आईआर इंटर कॉलेज संडीला की प्रबन्धक रहते हुए उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में काम किया। माध्यमिक शिक्षा परिषद, आगरा विश्वविद्यालय सीनेट, फिल्म एडवाइज़्‍ारी बोर्ड, ऑल इंडिया मुस्लिम वक्फ बोर्ड, उप्र भूमि सुधार व ज़्‍ामींदारी विनाश कमेटी, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय और मंडल रेलवे कमेटी की सदस्य रहीं।

जन्म: 02 अप्रैल, 1909 में पंजाब प्रान्त के मलेर कोटला में।
निधन: 01 अगस्त, 2001 को लखनऊ में।
शिक्षा: स्नातक

राजनीतिक जीवन
1937 एमएलसी और परिषद में उप सभापति
1946 भारतीय संविधान सभा की सदस्य 
1950 से 52 संसद सदस्य
1952 से 56 राज्य सभा सदस्य 
1969 से 89 संडीला विधानसभा क्षेत्र से चार बार एमएलए
1970 से 74 उप्र सरकार में कैबिनेट मंत्री रहीं।
1977 निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीता चुनाव

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