फोटो गैलरी

Hindi Newsसुनामी की चेतावनी सिर्फ तीन मिनट में..

सुनामी की चेतावनी सिर्फ तीन मिनट में..

अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के रंगाचांग में स्थापित पूर्व सुनामी चेतावनी प्रणाली भूकंप के तुरंत बाद महज तीन मिनट में ही सुनामी के बारे में चेतावनी दे सकती...

सुनामी की चेतावनी सिर्फ तीन मिनट में..
Wed, 12 Jun 2013 12:09 PM
ऐप पर पढ़ें

अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के रंगाचांग में स्थापित पूर्व सुनामी चेतावनी प्रणाली भूकंप के तुरंत बाद महज तीन मिनट में ही सुनामी के बारे में चेतावनी दे सकती है।

राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान के प्रमुख वैज्ञानिक विनीत कुमार ने डॉलीगंज में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह प्रणाली शुरुआती झटकों के तीन मिनट के भीतर सुनामी संबंधी भविष्यवाणी करके सचेत कर सकती है।

उन्होंने बताया कि यह प्रणाली सुनामी आने की संभावना का पता लगाने के लिए भूकंप के दौरान लहरों के प्रभाव का आकलन करेगी और संकट के बारे में पूर्व में सचेत करेगी। इसके बाद हैदराबाद में भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (आईएनसीओआईएस) से विचार-विमर्श के बाद जोखिम वाले क्षेत्रों में सुनामी की चेतावनी जारी की जाएगी।

जोखिम भरे विभिन्न क्षेत्रों में महासागर के प्रभाव का अध्ययन किया गया है और उन इलाकों की पहचान की गई है, जिनमें सुनामी के दौरान उठने वाली ऊंची-ऊंची लहरों से पांच से 15 मीटर तक पानी भर सकता है। कुमार ने बताया कि जोखिम वाले उन इलाकों में लोगों के पुनर्वास समेत आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रशासन को रिपोर्ट भेज दी गई है, जिनके भूकंप और सुनामी के दौरान समुद्र का जलस्तर बढ़ने पर डूबने की आशंका है।

उन्होंने साथ ही बताया कि केंद्र ने मछुआरों के फायदे के लिए मायाबंदर, दिलगीपुर, चिड़ैयातापो ,हट बे, कार निकोबार और कंपबेल बे समेत 10 स्थानों पर फिश एग्रीगेटिंग डिवाइसेज (एफएडी) लगाए हैं। प्रत्येक एफएडी की कीमत 10 लाख रुपए है। इन्हें मछलियां पकड़ने में सुधार के लिए डिजाइन किया और लगाया गया है।

विनीत ने एफएडी की कार्यप्रणाली के बारे में बताते हुए कहा कि इन यंत्रों में रोशनी के लिए एक उपकरण लगा होता है जिससे बड़ी मछलियां खासकर टयूना मछली आकर्षित हो सकती है और इस तरह मछुआरों को अधिक मछलियां पकड़ने में मदद मिलती है। उन्होंने बताया कि केंद्र द्वीपसमूह में सोलर डिसैलिनेशन परियोजना की भी योजना बना रहा है।

केंद्र महासागर के समद्ध संसाधनों का पता लगाने के लिए कई परियोजनाएं चला रहा है। इसके अलावा संसाधनों, ऑक्सीजन और चिकित्सा में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता भी फैलाई जा रही हैं। संसाधनों का बेहतर ढंग से पता लगाने के लिए एक द्वीपसमूह संसाधन सूचना प्रणाली भी विकसित की गई है।

 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें