जमा है 13,000 अरब पौंड़ का कालाधन
कर अनुसंधानकर्ताओं की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर के महा अमीरों ने करचोरों की पनाहगाह माने जाने वाले देशों में 13,000 अरब पौंड का काला धन जमा कराया हुआ...
कर अनुसंधानकर्ताओं की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर के महा अमीरों ने करचोरों की पनाहगाह माने जाने वाले देशों में 13,000 अरब पौंड का काला धन जमा कराया हुआ है। यह आंकड़ा अमेरिका और जापान के कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) से भी अधिक बैठता है। टैक्स जस्टिस नेटवर्क की यह रिपोर्ट द ऑब्जर्वर ने जारी की है। इसे अभी तक का काले धन के बारे में सबसे विस्तृत आकलन माना जा रहा है। रिपोर्ट के परिशिष्ट में लिखा है कि 1980 के दशक के अंत में सबसे पहले यह तथ्य सामने आया था कि विकासशील दुनिया से बड़ी धनराशि दूसरे देशों में भेजी जा रही है। इसमें कहा गया है कि कई विकासशील देशों के मामले में तो 1970 के बाद वहां से निकला धन इतना अधिक है कि उससे वे शेष दुनिया को अपने पूरे कर्ज की अदायगी कर सकते हैं।
रिपोर्ट में सलाहकार फर्म मैकिंजी के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री जेम्स हेनरी ने रिपोर्ट में कहा है कि निजी बैंकों की मदद से 13,000 अरब पौंड (संभवत 20,000 अरब पौंड) की राशि कई देशों से गोपनीय गंतव्यों मसलन स्विटजरलैंड तथा केमन आइलैंड जैसे कर पनाहगाह देशों में भेजी गई है। हेनरी का मानना है कि उनके इस काले धन को निजी बैंकिंग क्षेत्र के बहुत उंचा वेतन पाने वाले पेशेवर संरक्षित कर रहे हैं। ऑब्जर्वर की रिपोर्ट के अनुसार 10 प्रमुख निजी क्षेत्र के बैंकों मसलन स्विटजरलैंड के यूबीएस, क्रेडिट सुइस तथा अमेरिका के गोल्ड़ान साक्स को 2010 में 4,000 अरब पौंड की जमा मिली है, जो पांच साल पहले की तुलना में 1,500 अरब पौंड अधिक है।
हेनरी की गणना के अनुसार दुनिया के सिर्फ 92,000 लोगों या 0.001 प्रतिशत आबादी के पास 6,300 अरब पौंड की परिसंपत्तियां हैं। रिपोर्ट के अनुसार तेल के धनी देशों के अमीर अपना धन देश में निवेश करने के बजाय विदेशी बैंक खातों में रखना बेहतर समझते हैं।