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पेक की दो लड़कियां घर लौटीं

यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के एक छात्र के स्वाइन फ्लू पॉजीटिव होने के बाद बुधवार तड़के ही दो छात्राएं भी अपने घर की ओर लौट गईं। इन्होंने हॉस्टल छोड़ने की सूचना पेक प्रबंधन को दी है। घर लौटने वालों में...

पेक की दो लड़कियां घर लौटीं
Wed, 11 Nov 2009 10:00 PM
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यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के एक छात्र के स्वाइन फ्लू पॉजीटिव होने के बाद बुधवार तड़के ही दो छात्राएं भी अपने घर की ओर लौट गईं। इन्होंने हॉस्टल छोड़ने की सूचना पेक प्रबंधन को दी है। घर लौटने वालों में अनसूईया कम्प्यूटर साइंस डिपार्टमेंट की छात्रा है जबकि संजोली इलेक्ट्रिकल की छात्राएं हैं।ये दोनों ही छात्राएं विन्ध्या हॉस्टल में रहती थी। इनके अभिभावक दिल्ली में रहते हैं। हिन्दुस्तान से बातचीत में संजोली ने कहा कि हमने हॉस्टल से घर आने की सारी प्रक्रियाएं पूरी की है। घर लौटने के पीछे के कारण पर संजोली ने कहा कि हम बचाव के मद्देनजर घर लौटे हैं। फिलहाल बिल्कुल ठीक हैं, किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं है।हालांकि पेक प्रशासन की जानकारी में केवल एक ही लड़की के घर लौटने की सूचना है। डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. एमएल गुप्ता ने कहा कि हम अपने स्तर पर पूरा ध्यान रख रहे हैं। नोडल अफसर की सलाह पर हमने स्वाइन फ्लू ग्रसित छात्र सिद्धार्थ अहलुवालिया की बहन अनसूईया को उसके दिल्ली स्थित घर भेजा गया था। इसके अलावा स्वाइन फ्लू की वजह से किसी भी छात्र-छात्रा को छुट्टी नहीं दी गई है।मंगलवार को सिद्धार्थ का मामला सामने आने के बाद हमारे लगभग 24 छात्रों की जांच हुई, लेकिन कोई भी पॉजीटिव नहीं पाया गया। यह एक बड़ी राहत है। एहतियात के तौर पर हम जानकारी हेतु पर्ची का वितरण पूरे कैंपस में कर रहे हैं।यूनियन ने दी आंदोलन की धमकीपेक में एक छात्र के स्वाइन फ्लू ग्रसित होने की दशा में यूनियन भी जाग गई है। पेक इम्पलॉइज यूनियन के बैनर तले वीरवार को बैठक होगी और बैठक में आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। यूनियन के प्रमुख हरिमोहन ने कहा कि अगर पेक प्रशासन की अनदेखी की वजह से कोई कर्मचारी या फिर छात्र प्रभावित हुआ तो फिर हम आंदोलन की राह थामेंगे।उन्होंने कहा कि इस बाबत वीरवार को गृह सह स्वास्थ्य सचिव रामनिवास से भेंटकर पेक में छुट्टी की अपील की जाएगी। यूनियन का कहना है कि छात्र भी फ्लू को लेकर काफी परेशान हैं। इसी महीने के अंतिम सप्ताह से परीक्षा है, ऐसे में इस रोग को लेकर उनकी परेशानी और बढ़ गई है। उन्होंने इस मामले में यूनियन से हस्तक्षेप की मांग की है।

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