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साबुदाना-सोडा से बनाये जा रहे विस्फोटक

साबुदाना और सोडा से बनाये जा रहे हैं विस्फोटक। चौंकिये नहीं। आपने कभी ऐसी कल्पना भी नहीं की होगी पर हकीकत हैरतअंगज है। ऐसा कोई अपराधी गिरोह या अंडरवर्ल्ड नहीं बल्कि नक्सली कर रहे हैं। लगातार दो दिनों...

साबुदाना-सोडा से बनाये जा रहे विस्फोटक
Mon, 09 Nov 2009 11:18 PM
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साबुदाना और सोडा से बनाये जा रहे हैं विस्फोटक। चौंकिये नहीं। आपने कभी ऐसी कल्पना भी नहीं की होगी पर हकीकत हैरतअंगज है। ऐसा कोई अपराधी गिरोह या अंडरवर्ल्ड नहीं बल्कि नक्सली कर रहे हैं। लगातार दो दिनों तक राजधानी के कंकड़बाग और अगमकुआं थाना क्षेत्रों से विस्फोटकों की खेप बरामद करने के बाद यह सनसनीखेज खुलासा सोमवार को पटना पुलिस ने किया है। रोजमर्रा की जिंदगी में आम आदमी द्वारा उपयोग में लाये जाने वाले सामान का उपयोग माओवादियों द्वारा घातक विस्फोटकों के निर्माण में किया जा रहा है। सिर्फ साबुदाना या सोडा ही नहीं बल्कि गुड़, चीनी, छोलनी, कांटी, टिफिन, केन आदि का भी इस्तेमाल किया जाता है। दरअसल पुलिस द्वारा जब्त किये गये विस्फोटकों की खेप में ऐसी कई किताबें मिली हैं जिन्हें देख कर खुफिया अधिकारी भी दंग रह गये। इन किताबों में चीनी, साबुदाना आदि दैनिक उपयोग के सामान से विस्फोटक बनाने की विधि का विस्तार से वर्णन किया गया है। इस तरह तकनीक को लिखा गया है जिसे पढ़ कर कोई साधारण देहाती भी आसानी से विस्फोटक तैयार कर सकता है। इसकी पुष्टि करते हुए आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि लैंड माइन व बम के अलावा टिफिन बम, केन बम, रेडियो बम (आईईडी) आदि बनाने में घरेलू सामान का इस्तेमाल किया जाता है। पुलिस अधिकारी भी मानते हैं कि पिछले एक दशक में पटना पुलिस के इतिहास में यह पहला मौका है जब विस्फोटकों की ऐसी बरामदगी या बनाने की तकनीक वाली किताब मिली है। अगर किताबें नक्सलियों तक पहुंच जाती तो भविष्य में सुरक्षा बलों के साथ ही लोगों की परेशानी भी बढ़ सकती थी। इधर तलाशी के दौरान विस्फोटकों के बीच छिपाये गये कुछ कैसेट व सीडी को देख कर भी पुलिस उत्साहित है। इनमें भी नक्सलियों से जुड़े कई बड़े राज का खुलासा होने की संभावना है। इस बाबत जांच अभी जारी है।

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