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टी20 में तीन गेंदें ही बना सकती हैं हीरोः सचिन

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि दुनियाभर में टी20 क्रिकेट का क्रेज अब सिर चढ़कर बोल रहा है और यहां कोई भी खिलाड़ी महज तीन या चार गेंदों में ही हीरो बन सकता...

टी20 में तीन गेंदें ही बना सकती हैं हीरोः सचिन
Sun, 18 Aug 2013 05:24 PM
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मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि दुनियाभर में टी20 क्रिकेट का क्रेज अब सिर चढ़कर बोल रहा है और यहां कोई भी खिलाड़ी महज तीन या चार गेंदों में ही हीरो बन सकता है।

भारत के महान क्रिकेटर सचिन ने कहा है कि लगातार क्रिकेट में बदलाव आ रहा है और इसके सबसे छोटे प्ररूप ट्वंटी20 क्रिकेट ने तो इस खेल को और रोमांचक बना दिया है। सचिन ने कहा कि ट्वंटी 20 प्ररूप से क्रिकेट में नया बदलाव आया है और अकेला यही ऐसा प्रारूप है जहां खिलाड़ी तीन या चार गेंदों में ही हीरो बन जाता है।

बल्लेबाज ने कहा कि क्रिकेट में केवल तीन प्ररूप ही होते हैं, लेकिन यह खेल लगातार रोमांचक होता जा रहा है न सिर्फ खिलाड़ियों बल्कि दर्शकों के लिए भी। इसमें नए नए बदलाव हो रहे हैं और बल्लेबाज अब अधिक निडर होकर खेल रहे हैं।

सचिन ने टी20 को इस खेल के लिए अहम बताते हुए कहा कि टेस्ट क्रिकेट में तो खिलाड़ी को परिस्थितियों के अनुकूल ढालने में समय लगता है जहां दो खिलाड़ी एक जैसे नहीं होते। उन्हें अपने मूल सिद्धांतों पर अमल करना पड़ता है लेकिन ट्वंटी 20 में नयापन होता है और आप अपने हिसाब से खेलते हैं।

दुनियाभर के रिकार्ड अपने नाम कर चुके मास्टर ब्लास्टर ने हालांकि खिलाड़ियों को अपने बुनियादी नियमों को हमेशा लागू करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि क्रिस गेल, एबी डीविलियर्स और माइकल हसी जैसे खिलाड़ी आज खेल के हर प्ररूप में सर्वश्रेष्ठ साबित हो रहे हैं क्योंकि वे अपने मूल सिद्धांतों के अनुसार खेलते हैं।

तेंदुलकर ने साथ ही खेल में नई तकनीक की जरूरत पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि नई तकनीक हमें खेल कैसे सिखाएगी लेकिन यह हमें अपनी रणनीति तय करने में जरूर मदद करेगी।
 
चयन प्रक्रिया के बारे में पूछने पर सचिन ने कहा कि किसी भी खिलाड़ी का चयन करने पर उसका अंतरराष्ट्रीय रिकार्ड नहीं बल्कि इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि क्या वह दबाव झेल सकेगा या नहीं। उन्होंने कहा कि चयनकर्ताओं को सिर्फ खिलाड़ी के स्कोर बुक को ही नहीं देखना चाहिए। हमेशा अधिक रन बनाने वाला खिलाड़ी जरूरी नहीं है दबाव में खेल सके। भारतीय टीम में रहते हुए मैंने देखा है कि कई खिलाड़ी जो घरेलू स्तर पर अच्छे थे उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा नहीं किया।

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