सेंसेक्स 455 अंकों की भारी गिरावट
बंबई शेयर बाजार का सूचकांक सेंसेक्स शुक्रवार को 455 अंक लुढ़कर 20,000 के स्तर से नीचे आ गया। आरबीआई की टिप्पणी के बाद सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर के दशक भर के न्यूनतम स्तर पांच प्रतिशत पर आ जाने के...
बंबई शेयर बाजार का सूचकांक सेंसेक्स शुक्रवार को 455 अंक लुढ़कर 20,000 के स्तर से नीचे आ गया। आरबीआई की टिप्पणी के बाद सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर के दशक भर के न्यूनतम स्तर पांच प्रतिशत पर आ जाने के बीच आज रीयल्टी, बैंक और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के शेयर में अफरा-तफरी में हुई बिकवाली के बीच निवेशकों को 1.1 लाख करोड़ रुपए डूब गए।
तीस शेयरों वाला सूचकांक आज 455.10 अंक या 2.25 प्रतिशत की गिरावट के साथ 19,760.30 के स्तर पर पहुंच गया। यह मार्च 2012 के बाद से अब तक की सबसे तेज गिरावट है। सूचकांक कल 68 अंकों की तेजी के साथ बंद हुआ था।
एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में तीन से चार प्रतिशत की गिरावट हुई। आईटीसी और आरआईएल जैसी बड़ी कंपनियों के शेयरों में 3.5-3.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई। एलएंडटी, एसबीआई, ओएनजीसी और सन फार्मा में भी बिकवाली दर्ज हुई।
सूचना प्रौद्योगिकी को छोड़कर हर क्षेत्र का सूचकांक 3.3 प्रतिशत तक लुढ़का। इसी तरह एनएसई सूचकांक निफ्टी 138.10 अंक या 2.26 प्रतिशत लुढ़कर 5,985.95 पर पहुंच गया। एमसीएक्स-एसएक्स सूचकांक, एसएक्स40 258.98 अंक या 2.16 प्रतिशत लुढ़कर 11731.91 पर पहुंच गया।
दरों में कटौती की संभावना से इनकार करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर डी सुब्बाराव के मुद्रास्फीति के जोखिम से जुड़े बयान ने भी शेयर बाजार को धक्का पहुंचाया। इसके अलावा एपए के 10 महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंचने के बीच आरबीआई की चालू खाते के घाटे से जुड़ी चिंता ने भी दबाव डाला।