तेल रिसाव पर कड़ी कारवाई करेगा पर्यावरण मंत्रालय
पर्यावरण मंत्रालय ने तेल कंपनियों को सख्त चेतावनी देते हुये कहा है कि यदि किसी घनी आबादी वाले क्षेत्र में तेल का रिसाव होता है तो उनका संयंत्र बंद किए जाने सहित उनके खिलाफ कड़ी कारवाई की...
पर्यावरण मंत्रालय ने तेल कंपनियों को सख्त चेतावनी देते हुये कहा है कि यदि किसी घनी आबादी वाले क्षेत्र में तेल का रिसाव होता है तो उनका संयंत्र बंद किए जाने सहित उनके खिलाफ कड़ी कारवाई की जाएगी।
पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन ने चारों तेल विपणन कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि हम मानव जीवन और पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये इकाई बंद करने सहित कड़ी कारवाई के लिए तैयार हैं। हाल ही में नागपट्टनम में एक तेल कंपनी से जुड़ी एक पाइपलाइन से तेल रिसाव होने की घटना का जिक्र करते हुये पर्यावरण मंत्री ने कहा कि मंत्रालय ने तेल विपणन कंपनियों को दिशानिर्देशों का पालन करने को कहा है। इसमें पाइपलाइन की लगातार देखभाल, पुरानी पाइपलाइन की मरम्मत तथा 24 घंटे निगरानी रखने वाली प्रतिबद्ध टीम बनाने को कहा है।
संवाददाताओं के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि तेल पाइपलाइन के बारे में जागरूकता बढ़ाये जाने की आवश्यकता है। ऐसी पाइपलाइनें जो घनी आबादी वाले क्षेत्रों में भूमिगत होकर गुजरती हैं उनकी मरम्मत और उन्हें बदलने की आवश्यकता है। इस बारे में वह पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के साथ बातचीत करेंगी। उन्होंने कहा कि जमीन के अंदर बिछाई गई ज्यायदातर पाइपलाइनें 42 से 50 साल पुरानी हैं। मैं पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय में अपने वरिष्ठ सहयोगी से मजबूती के साथ यह आग्रह करूंगी कि इन पाइपलाइनों को बदला जाए। मानव जीवन और पर्यावरण से ज्यादा महत्वपूर्ण और क्या हो सकता है।
उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय इसी तरह की एक और बैठक तेल विपणन कंपनियों के साथ जल्द ही मुंबई में आयोजित करेगा।