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खानपान सुधारें मिलेगी कब्ज से राहत

घंटों लगातार बैठकर काम करने की आज की जीवनशैली में कब्ज की समस्या आम होती जा रही है। आप कुछ बातों का ध्यान रखकर कब्ज से खुद खुद को बचाए रख सकते हैं। आयुर्वेद कहता है कि अच्छा स्वास्थ्य अच्छे...

खानपान सुधारें मिलेगी कब्ज से राहत
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 17 Apr 2013 10:30 AM
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घंटों लगातार बैठकर काम करने की आज की जीवनशैली में कब्ज की समस्या आम होती जा रही है। आप कुछ बातों का ध्यान रखकर कब्ज से खुद खुद को बचाए रख सकते हैं।

आयुर्वेद कहता है कि अच्छा स्वास्थ्य अच्छे पाचनतंत्र की देन है। हमारा स्वास्थ्य इस पर निर्भर नहीं करता है कि हम कितना पौष्टिक भोजन खाते हैं बल्कि इस पर निर्भर करता है कि हमारा शरीर उस भोजन को कितना पचा पता है। सभी बीमारियों का केंद्र हमारा पेट होता है। जो भोजन हमारा शरीर पचा नहीं पाता वह शरीर को फायदा पहुंचाने के बजाए नुकसान पहुंचाता है। इसलिए अच्छी सेहत के लिए अच्छा पाचन तंत्र होना आवश्यक ही नहीं अनिवार्य है। पाचन तंत्र की गड़बडियों का असर अन्य तंत्रों पर ही नहीं, शरीर के विभिन्न अंगों पर भी पड़ता है। इसलिए अपने खान-पान और व्यायाम पर थोड़ा ध्यान दें।

आधुनिक जीवनशैली का प्रभाव
आज की तेज रफ्तार जीवनशैली से तालमेल बैठाने में लोग अपने स्वास्थ्य को दांव पर लगा देते हैं। इसके घातक प्रभाव युवावस्था में ही नजर आने लगते हैं। प्रोफेशनल जिंदगी का दबाव, काम के लंबे घंटों के कारण लोग मजबूरी में रेडी टू कुक फूड और जंक फूड खाते हैं। इनमें कैलोरी की मात्रा अधिक होती है। यह खाना न सिर्फ मुश्किल से पचता है, बल्कि पारंपरिक खाने के मुकाबले इसमें विटामिन और मिनरल की मात्रा काफी कम होती है। काम के समय में अस्तव्यस्तता, तनाव और नींद की कमी भी पाचन तंत्र को प्रभावित करती है। जिनकी पाचन शक्ति अक्सर खराब रहती है और जो प्राय: कब्ज के शिकार रहते हैं, उनमें गैस की समस्या अधिक होती है।

पाचन तंत्र है आधार
जो खाना हम खाते हैं शरीर उसे उसी रूप में उपयोग नहीं कर सकता है। पाचन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा भोजन और पेय पदार्थ अपने सबसे छोटे रूप में टूट जाते हैं ताकि शरीर उनका उपयोग कोशिकाओं के निर्माण और उन्हें पोषण देने तथा ऊर्जा उपलब्ध कराने में कर सके। जब पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं करता तो खाने को उस रूप में परिवर्तित नहीं कर पाता जिस रूप में शरीर उसे ग्रहण कर सके। कमजोर पाचन तंत्र से शरीर का इम्यून सिस्टम गड़बड़ा जाता है और शरीर में विषैले तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है।

क्यों होता है कब्ज
कब्ज यानी बड़ी आंत से शरीर के बाहर मल निकालने में कठिनाई आना। कब्ज एक लक्षण है जिसके कई कारण हो सकते हैं। जैसे खानपान की गलत आदतें, हार्मोन संबंधी गड़बडियां, कुछ दवाओं के दुष्प्रभाव आदि।
कब्ज में तीन चीजें शामिल हैं

प्रतिदिन मल नहीं त्यागना।
मल त्यागने में तकलीफ।
पेट साफ न होना।

लक्षण
पेट फूलना
पेट में दर्द होना
सिरदर्द होना
थकान होना
तंत्रिकाओं का थक जाना
पेट भारी होना
अगर तीन महीने तक कब्ज की समस्या बनी रहे तो इसे इरीटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) कहते हैं।

ये हैं आसान शिकार
कब्ज की समस्या पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में अधिक होती है।
डाइटिंग करने वाले भी कब्ज की चपेट में आ जाते हैं।
जो लोग शरीर द्वारा मल त्यागने के संकेत को नजरअंदाज करते हैं, उनमें  भी कब्ज की समस्या बढ़ जाती है।
थायरॉइड हार्मोन की कमी या अधिकता से रक्त में कैल्शियम का स्तर बढ़ जाता है, जिसके फलस्वरूप कब्ज हो जाता है।
पीरियड्स के दौरान महिलाओं में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रन का स्तर बढ़ जाता है। इससे कब्ज हो सकता है। हालांकि यह अस्थायी समस्या होती है।
कोलन की मांसपेशियों के कमजोर पड़ जाने से भी यह समस्या हो जाती है।
उम्रदराज लोगों में कब्ज की समस्या पांच गुनी होती है।

उपचार है आसान
ज्यादा पानी पिएं, फायबर युक्त भोजन करें।
अधिक मात्रा में एसिडिक फूड, जैसे टोमेटो सॉस, मसाले, काबरेनेटेड अल्कोहल और कैफीन का सेवन न करें।
अच्छे बैक्टीरिया को सपोर्ट देने के लिए प्रोबायोटिक भोजन जैसे दही और योगर्ट खाएं। लहसुन और केला भी पाचनतंत्र को दुरुस्त रखते हैं।

पाचन तंत्र को रखें दुरुस्त
अधिक तला-भुना और मसालेदार भोजन न करें।
तनाव भी कब्ज का एक प्रमुख कारण है, इसलिए तनाव से दूर रहने की हर संभव कोशिश करें।
सक्रिय रहें। नियमित रूप से व्यायाम और योग करें।
कब्ज पेट में गैस बनने का एक कारण है। जितने लंबे समय तक भोजन बडी आंत में रहेगा उतनी मात्रा में गैस बनेगी। 
खाने को धीरे-धीरे,चबाकर खाएं। दिन में तीन बार अधिक खाने की बजाए कुछ-कुछ घंटों के अंतराल पर थोड़ा-थोड़ा खाएं।
खाने के तुरंत बाद न सोएं। थोड़ी देर टहलें। इससे पाचन भी ठीक होगा और पेट भी नहीं फूलेगा।
अपनी बायोलॉजिकल घड़ी को दुरस्त रखने के लिए एक निश्चित समय पर खाना खाएं।
मौसमी फल और सब्जियों का सेवन करें।
चाय, कफी और कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक का इस्तेमाल कम करें।
जंक फूड और स्ट्रीट फूड न खाएं।
संतुलित भोजन करें।
धूम्रपान और शराब से दूर रहें।
अपने भोजन में अधिक से अधिक रेशेदार भोजन को शामिल करें।
प्रतिदिन सुबह एक गिलास गुनगुने पानी का सेवन करें।
सर्वागासन, उत्तानपादासन, भुजंगासन जैसे योगासन करने से पाचन संबंधी विकार दूर होते हैं।

घरेलू उपचार
20 किशमिश को रातभर पानी में भिगो दें और सुबह खाली पेट किशमिशों को एक-एक करके चबा लें और फिर पानी पी लें।
सोने से पहले एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच इसबगोल घोलकर पी लें।
अगर आपको गंभीर कब्ज हो तो गुनगुने दूध में दो चम्मच अरंडी का तेल मिलाकर पी लें।
हल्दी वाला दूध पिएं।
केला, अमरूद, नाशपाती, अंगूर व पपीता जैसे फलों का सेवन करें।

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