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मप्र भाजपा अध्यक्ष तोमर को पुराने साथियों पर भरोसा

भाजपा के लिए आगामी समय की सबसे बड़ी चुनौती विधानसभा चुनाव है, यह तोमर भी जानते है, क्योंकि अध्यक्ष पद पर उनकी ताजपोशी होते ही पार्टी के भीतर से तरह तरह के स्वर उठने लगे...

मप्र भाजपा अध्यक्ष तोमर को पुराने साथियों पर भरोसा
Tue, 29 Jan 2013 11:32 AM
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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मध्य प्रदेश इकाई की कमान संभालने के बाद नरेंद्र सिंह तोमर को कार्यकारिणी को घोषित करने में भले ही एक माह से ज्यादा का वक्त लग गया हो मगर उन्होंने एक संकेत साफ दे दिया है कि उन्हें अपने पुराने साथियों पर अब भी भरोसा है। यही कारण कि प्रभात झा के अध्यक्ष काल में उपेक्षित रहे अपने साथियों को उन्होंने फिर अहम जिम्मेदारी सौंपी है।

भाजपा के लिए आगामी समय की सबसे बड़ी चुनौती विधानसभा चुनाव है, यह तोमर भी जानते है, क्योंकि अध्यक्ष पद पर उनकी ताजपोशी होते ही पार्टी के भीतर से तरह तरह के स्वर उठने लगे थे। अपने लिए कोई चुनौती न बने इसको ध्यान में रखकर तोमर अपने कुछ पुराने साथियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी है, जो तोमर के पिछले कार्यकाल में हमराही रहे हैं।

राजनीति में एक बात मानी जाती है कि दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है, लगता है कि तोमर भी इसी संदेश को साथ लेकर चल रहे हैं। यह बात अलग है कि झा के विरोधियों में गिने जाने वाले तोमर के पुराने साथी रहे हैं। तोमर ने उन पुराने साथियों को जो पिछले तीन साल से उपेक्षित चल रहे थे अथवा झा से जिनकी दूरियां थीं, उन पर दांव लगाया है।

एक नजर देखा जाए तो यह साफ  हो जाता है कि विजेंद्र सिंह सिसौदिया, दीपक विजयवर्गीय को झा ने एकदम किनारे कर दिया था। तोमर ने अपनी वापसी के साथ दोनों को प्रवक्ता की जिम्मेदारी सौंप दी है। इसी तरह झा द्वारा पद से हटाए गए रघुनंदन शर्मा को उपाध्यक्ष बना दिया गया है।

इसके अलावा ग्वालियर की सांसद योशोधरा राजे सिंधिया को उपाध्यक्ष बनाया गया है। इतना ही नहीं भाजयुमो व महिला मोर्चा के अध्यक्षों को बदला गया है। यह दोनों झा के करीबी गिने जाते थे। वही मुख्य प्रवक्ता विजेश लूनावत को भी बाहर का रास्ता दिखाया गया है।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि तोमर ने सिर्फ ग्वालियर के वेद प्रकाश शर्मा ऐसे व्यक्ति है जिनकी झा से अत्यंत निकटता है और उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है, नहीं तो वे लोग जगह कम ही पा सके है, जिन्हें तोमर नहीं चाहते थे। अरविंद मैनन को संगठन महामंत्री बनने का इनाम अंतिम समय में झा की बजाय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से निकटता बनाने के चलते मिला है।

पार्टी की जिम्मेदारी मिलने के बाद तोमर ने बड़ा बदलाव कर संदेश दे दिया है कि संगठन में वही रहेगा जिसे वे चाहेंगे और पार्टी के लिए जिनकी उपयोगिता होगी। तोमर के लिए यह बदलाव कई चुनौतियां भी खड़ी कर सकता है, इससे किसी को इंकार भी नहीं है। 

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