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जम्मू कश्मीर सरकार को कैग की फटकार

जम्मू जिले में नियमों का उल्लंघन करते हुए 1,883 हेक्टेयर वन्य भूमि को कथित तौर पर अन्य उद्देश्यों से इस्तेमाल में लाए जाने पर कैग ने जम्मू-कश्मीर के वन मंत्रालय को आडे हाथ लिया...

जम्मू कश्मीर सरकार को कैग की फटकार
Mon, 22 Oct 2012 03:26 PM
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जम्मू जिले में नियमों का उल्लंघन करते हुए 1,883 हेक्टेयर वन्य भूमि को कथित तौर पर अन्य उद्देश्यों से इस्तेमाल में लाए जाने पर कैग ने जम्मू-कश्मीर के वन मंत्रालय को आडे हाथ लिया है।
   
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा इस महीने जारी रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि जम्मू में 25 प्रतिशत वन क्षेत्र (767 वर्ग किलोमीटर), है जो राष्ट्रीय वन नीति के अनुसार 33 प्रतिशत के निर्दिष्ट स्तर से कम है। रिपोर्ट के अनुसार 25 प्रतिशत वन्य क्षेत्र में से अभी तक केवल 1,063 हेक्टेयर (एक प्रतिशत) का सीमांकन किया गया है।
   
मार्च, 2011 को समाप्त हो रहे वर्ष की रिपोर्ट के अनुसार रिकार्ड बताते हैं कि जम्मू जिले में 1991-92 से 2010-11 के बीच 1883.23 हेक्टेयर वन्य क्षेत्र को गैरवन्य उद्देश्यों से इस्तेमाल में लाया गया है। राज्य वन संरक्षण अधिनियम, 1997 के अनुसार गैरवन्य उद्देश्यों के लिए दो बार ली गई वन्य जमीन पर वन विकसित किया जाना चाहिए।
   
राज्य वन विभाग, जम्मू के संभागीय वन अधिकारी ने कैग के सवालों के जवाब में कहा कि मुआवजे की राशि उपयोगकर्ता एजेंसियों से वसूली जाएगी। हालांकि जिला वन अधिकारी ने कहा कि धन का आवंटन नहीं होने से नये वन क्षेत्र विकसित नहीं किये जा सकते।
   
कैग ने कहा कि यह जवाब स्वीकार नहीं किया गया है क्योंकि संबंधित विभाग द्वारा सारे भुगतान नहीं किये जाने तक विभाग को नियमों का उल्लंघन करते हुए कब्जा नहीं देना चाहिए। कैग ने मुआवजे की वसूली और वन क्षेत्र को बढ़ाने के मामले में विभाग पर निराशाजनक प्रदर्शन का आरोप लगाया।

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