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त्वचा हमारा सुरक्षा कवच

त्वचा हमारे शरीर के आंतरिक अंगों की तो रक्षा करने के साथ तरह-तरह के नुकसानदेह बैक्टीरिया और वायरस से भी हमारी रक्षा करती है। अगर हमारी त्वचा स्वस्थ हो तो हमारी खूबसूरती में भी चार चांद लगाती है। आप...

त्वचा हमारा सुरक्षा कवच
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 10 Oct 2012 01:06 PM
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त्वचा हमारे शरीर के आंतरिक अंगों की तो रक्षा करने के साथ तरह-तरह के नुकसानदेह बैक्टीरिया और वायरस से भी हमारी रक्षा करती है। अगर हमारी त्वचा स्वस्थ हो तो हमारी खूबसूरती में भी चार चांद लगाती है। आप अपनी त्वचा का कैसे खयाल रखें, बता रही हैं शमीम खान

हमारे शरीर का आवरण है त्वचा। यह हमारे शरीर के आंतरिक अंगों पर कवच का काम करती है। यह संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया और वायरस से हमारी रक्षा करती है और शरीर के ताप को नियंत्रित रखती है। इतना ही नहीं, सुंदर त्वचा हमारे सौंदर्य को कई गुना बढ़ा देती है। लेकिन कई बार उम्र बढ़ने के साथ या अव्यवस्थित जीवनशैली के कारण यह अपना आकर्षण खो देती है। ऐसे में त्वचा की देखभाल और जीवनशैली में जरूरी बदलाव की तो जरूरत पड़ती ही है, उसमें तनिक भी गड़बड़ी हो तो समय पर उसके उपचार करा लेना भी जरूरी हो जाता है। 

मुंहासे
चेहरे की त्वचा की सबसे आम समस्या है मुंहासे। वैसे तो मुंहासे किसी भी उम्र में परेशान कर सकते हैं, लेकिन किशोर अवस्था में यह समस्या बहुत अधिक होती है। इस उम्र में हार्मोनों के स्तर में बदलावों के कारण तेल ग्रंथियां अधिक मात्र में ऑयल स्नवित करती हैं जो हमारे चेहरे के फॉलिकल में जाकर उन्हें ब्लॉक कर देता है। विशेषकर महिलाओं में 40-50 साल की उम्र में रजोनिवृत्ति की अवस्था शुरू होने के पहले या बाद में हार्मोन परिवर्तन के कारण भी मुंहासे निकल आते हैं। इन्हें एडल्ट एक्ने कहते हैं।

इनसे बचने के लिए त्वचा कि सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए, अच्छी कंपनी के प्रोडक्ट का इस्तेमाल करना चाहिए और कॉस्मेटिक का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए। अक्सर देखा जाता है कि जिन लोगों में मुंहासों की समस्या होती है, उनके शरीर में इंसुलिन का स्नव औसत से अधिक होता है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि भोजन में कार्बोहाइड्रेट और डेयरी उत्पादों को प्रमुखता से शामिल किया जाए।

एक्जिमा
यह भी त्वचा की एक आम समस्या है। एक्जिमा होने के सैकड़ों कारण हो सकते हैं। इसमें त्वचा लाल होकर सूज जाती है और उसमें खुजली होती है। घरेलू महिलाओं में लगातार पानी और डिटर्जेट के संपर्क में रहने के कारण जो एक्जिमा होता है, उसे हाउस होल्ड डर्मेटाइटिस कहते हैं।

पिग्मेंटेशन
पिग्मेंटेशन (त्वचा पर काले या गहरे रंग के धब्बे) त्वचा की गंभीर समस्या बनती जा रही है। त्वचा की रंगत एक समान न रहना, ऊपरी होठों का रंग गहरा हो जाना, चेहरे, हाथों, पैरों, छाती या शरीर के अन्य अंगों पर काले या भूरे धब्बे नजर आना आदि इसके लक्षण हो सकते हैं। सूरज की रोशनी, विशेषकर अल्ट्रावॉयलेट किरणों के कारण त्वचा में मेलेनिन का निर्माण अधिक होने लगता है। हार्मोन असंतुलन व खासकर महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान या गर्भ निरोधक गोलियों के सेवन और तनाव के कारण भी पिग्मेंटेशन की समस्या हो जाती है।

रोसेशिया
रोसेशिया मुख्य रूप से त्वचा और चेहरे को प्रभावित करती है। इससे नाक, ठुड्डी, गालों और माथे पर लालपन छा जाता है। कई बार चेहरे पर लाल-लाल उभार भी नजर आते है। अभी तक इस बीमारी के कारणों का स्पष्ट रूप से पता नहीं चला है। लेकिन ऐसा माना जाता है कि कुछ अनुवांशिक और पर्यावरणीय कारक इसके लिए जिम्मेदार हैं। तनाव, क्रोध, लगातार गर्म पानी से नहाना, शराब और गर्म तरल पदार्थों का सेवन इस समस्या को और बढ़ा सकते हैं।

स्किन कैंसर
स्किन कैंसर का सबसे प्रमुख कारण सूरज की हानिकारक किरणें हैं। अगर प्रथम स्तर पर ही पता चल जाए तो यह पूरी तरह ठीक हो सकता है। लेकिन जब यह त्वचा की सबसे अंदरूनी परत तक फैल जाता है तब यह दूसरे अंगों तक फैलकर धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल जाता है। अगर समय रहते इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा हो जाता है। त्वचा का कैंसर उन लोगों को अधिक होता है जिनकी त्वचा, आंखों और बालों का रंग हल्का होता है।

आपको पता है..
त्वचा हमारे शरीर का एक प्रमुख तत्व है। इसकी कुल लंबाई करीब 2 वर्ग गज होती है।
पूरे शरीर की त्वचा निकाल ली जाए तो उसका भार 6 से 9 पाउंड (2.75 किग्रा से 4.75 किग्रा) के बीच होगा।

घरेलू नुस्खे
एक चम्मच शहद और एक चम्मच जैतून के तेल को मिलाकर हाथों पर अच्छी तरह से मलें, 20 मिनट के बाद किसी अच्छे हैंडवॉश से हाथों को धो लें।
खीरे का रस और ग्लिसरीन समान मात्रा में मिलाकर हाथों पर लगाएं। 10 मिनट बाद हाथों को ठंडे पानी से धो लें।
सप्ताह में एक बार सोने से पहले गुनगुने जैतून के तेल से अपने हाथों की मालिश जरूर करें।
रूखे और खुरदुरे हाथों के लिए एक चम्मच शक्कर में थोड़ा नींबू का रस मिलाएं। इसे तब तक हाथों पर मलें जब तक कि शक्कर पिघल न जाए। फिर ठंडे पानी से धो लें।
सप्ताह में एक बार हाथों को अच्छी तरह साफ करें, फिर गुनगुने पानी में थोड़ा कच्चा दूध डालकर हाथों को उसमें 10 मिनट डुबो लें। फिर हाथों को थपथपा कर सुखा लें। इसके बाद मॉयस्चराइजर लगाकर नमी को सील कर लें।

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