लश्कर-ए-तैयबा के 8 कमांडरों पर अमेरिकी बैन, भारत खुश
भारत ने लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष आठ कमांडरों पर प्रतिबंध लगाने के अमेरिकी कदम का स्वागत किया है, जिनमें मुंबई हमले का मास्टरमाइंड साजिद मीर और लश्कर संस्थापक हाफिज सईद का बेटा शामिल...
भारत ने लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष आठ कमांडरों पर प्रतिबंध लगाने के अमेरिकी कदम का स्वागत किया है, जिनमें मुंबई हमले का मास्टरमाइंड साजिद मीर और लश्कर संस्थापक हाफिज सईद का बेटा शामिल है।
विदेश मंत्री रंजन मथाई ने कहा कि हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय सहयोग में सुधार के लिए उठाए गए कदमों का स्वागत करते हैं और अमेरिका द्वारा उठाए गए कदम निश्चित ही उसी दिशा में हैं। मथाई से ओबामा प्रशासन के फैसले पर संवाददाताओं ने प्रतिक्रिया मांगी थी।
अमेरिका ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा जनवरी, 2002 में विदेशी आतंकवादी संगठन करार दिए जाने के बाद भी पाकिस्तान में अपनी गतिविधियां चला रहा है। उसने पाकिस्तानी, भारतीय, अफगान और अमेरिकी हितों पर आतंकवादी हमले किए और वही नवंबर, 2008 के मुंबई हमले के लिए जिम्मेदार है।
मीर के अलावा जिन अन्य लश्कर नेताओं पर प्रतिबंध लगाया है वे अब्दुला मुजाहिद, अहमद याकूब, हाफिज खालिद वालिद, कारी मुहम्मद याकूब शेख, अमीर हमजा, अब्दुल्ला मुंतजिर ओर तल्हा सईद हैं।
तल्हा सईद लश्कर नेता हाफिज सईद का बेटा है। अमेरिका ने अपने नागरिकों एवं कंपनियों पर इन सभी के साथ कोई भी कारोबारी लेन-देन या अन्य लेन-देन पर रोक लगा दी है और उसने यह भी कहा है कि अमेरिका में यदि उनकी कोई संपत्ति होगी, उस पर भी रोक होगी।
इस प्रतिबंध के तहत कोई भी अमरिकी नागरिक या कंपनी इन आठों लोगों के साथ किसी तरह का व्यापार नहीं करेंगे और इनकी जो भी संपत्तियां अमरीका में होंगी, उन्हें जब्त कर लिया जाएगा।
जिन लोगों का नाम सूची में शामिल किया गया है वो सभी पाकिस्तान के रहने वाले है, जहां से वो लश्कर-ए-तैयबा की गतिविधियां संभालते हैं।
यूएस ट्रेज़री की ओर से कहा गया है कि आज की सूची में उनके नाम हैं जो मुंबई में 2008 में हुए खूनी हमलों और अफगानिस्तान में संयुक्त सेनाओं पर हमले के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडरों का मनोबल तोड़ने के लिए उनपर प्रतिबंध लगाए गए है।
यूएस ट्रेज़री के वरीष्ठ अधिकारी डेविड एस कोहेन ने कहा कि आज लगाया गया प्रतिबंध लश्कर-ए-तैयबा के सभी धड़ों पर अब तक की गई सबसे पुख्ता कार्रवाई है।
कोहेन के अनुसार लश्कर के आर्थिक तारों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करना सबसे ज्यादा अहम है, क्योंकि संगठन इसी के जरिए पैसे जुटाता है, जिसे चरमपंथी गतिविधियों पर खर्च किया जाता है।