पुलिस ने कसाब के मृत्युदंड का किया स्वागत
मुंबई पुलिस ने पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद अजमल आमिर कसाब की फांसी की सजा को सुप्रीम कोर्ट के बरकरार रखने के फैसले का स्वागत किया है। वहीं मुंबई हमले के दौरान जीवित बचे लोगों और पीड़ितों के...
मुंबई पुलिस ने पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद अजमल आमिर कसाब की फांसी की सजा को सुप्रीम कोर्ट के बरकरार रखने के फैसले का स्वागत किया है। वहीं मुंबई हमले के दौरान जीवित बचे लोगों और पीड़ितों के रिश्तेदारों ने भी फैसले का स्वागत किया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर संयुक्त पुलिस आयुक्त हिमांशु राय ने कहा कि यह आदेश मील का एक पत्थर साबित होगा क्योंकि इससे आतंकवादियों को एक कड़ा संदेश जाएगा। राय ने शहर के पुलिस जांच दल सरकारी वकील उज्ज्वल निकम और अन्य को धन्यवाद दिया।
हाल ही में गिरफ्तार आतंकवादी अबू जिंदाल के संबंध में उन्होंने कहा कि अभी उसके बारे में अधिक जानकारी नहीं दी जा सकती, लेकिन उसने मुंबई हमले के दौरान मुख्य भूमिका निभाई थी और उसने पाकिस्तान में शस्त्र चलाने का प्रशिक्षण भी लिया था। हमले के दिन वह पाकिस्तान के आतंकवादी अड्डे पर बैठ कर मुंबई के हमलावरों को निर्देश दे रहा था।
दूसरी तरफ, मुंबई हमले के दौरान जीवित बचे लोगों और पीड़ितों के रिश्तेदारों ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। कसाब हमले में लिप्त रहा एकमात्र पाकिस्तानी आतंकवादी है, जिसे जीवित पकड़ लिया गया था।
मारे गए 166 लोगों में शामिल रहे छत्रपति शिवाजी टर्मिनल पर तैनात टिकट निरीक्षक सुशील कुमार शर्मा की पत्नी रागिनी शर्मा ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं। मैं जानती हूं कि मेरे पति वापस नहीं आने वाले हैं, लेकिन यह फैसला मेरी आत्मा को कुछ तसल्ली देता है कि अपराधी को सजा मिली है, भले ही वह एक मोहरा भर है।
शर्मा ने कहा कि मैं हालांकि महसूस करती हूं कि उसके अपराध की जघन्यता के मद्देनजर उसे (कसाब) एक महीने के भीतर फांसी दे दी जानी चाहिए और राष्ट्रपति के यहां अपील करने का मौका उसे नहीं दिया जाना चाहिए।
हमले में अपने भाई को खो चुके मोहम्मद हनीफ पीर मोहम्मद (69) भी शर्मा की बात से सहमत हैं। उन्होंने कहा कि यद्यपि फैसला आ गया है और आरोपी को दोषी पाया गया है, लेकिन मैं उसे फांसी पर लटकते देखना चाहता हूं।
शहीद सहायक पुलिस उपनिरीक्षक बालासाहेब भोसले के पुत्र सचिन भोसले ने कहा कि मैं कह सकता हूं कि मैं बहुत खुश हूं। मैं महसूस करता हूं कि भले ही देर हुई है, लेकिन मेरे पिता का बलिदान बेकार नहीं गया है। भोसले ने कहा कि कसाब को अपील का कोई और मौका दिए बगैर जल्द से जल्द फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए।
भोसले ने कहा कि कसाब को फांसी पर लटकाने के बदले, उसे हमले के पीड़ित रिश्तेदारों व जीवित बचे लोगों को सौंप दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उसे हमारे जैसे लोगों, हमले के दौरान जीवित बच गए लोगों या उन लोगों को जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है, सौंप दिया जाए। हम उसका अच्छा ख्याल रखेंगे।
पुलिस अधिकारी संजय गोविलकर ने कहा कि उन्हें खुशी है कि भारतीय न्याय प्रणाली ने एक बार फिर साबित किया है कि वह राष्ट्र पर हमला करने वाले किसी भी व्यक्ति को माफ नहीं करेगी। ताज होटल में हमले के दौरान बाल-बाल बच गए स्तम्भकार भीष्म मनसुखानी ने हालांकि कहा कि कसाब की कहानी जारी रहेगी।
मनसुखानी ने कहा कि शिखर पर बैठे अक्षम लोगों के कारण हमारे सामने खौफनाम 26/11 की बरसी की कहानियां लगातार सालती रहेंगी और जबतक कसाब को फांसी पर लटका नहीं दिया जाता वह लगातार अपनी तरफ ध्यान आकर्षित करता रहेगा।