फोटो गैलरी

Hindi Newsराष्ट्रपति चुनाव से पहले प्रणब को संगमा की चुनौती

राष्ट्रपति चुनाव से पहले प्रणब को संगमा की चुनौती

आत्मा की आवाज पर वोट और आदिवासी पहचान के आधार पर वोटिंग की उम्मीद लगाए बैठे पीए संगमा ने शुक्रवार को संप्रग के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति चुनावों से पहले परिचर्चा की चुनौती...

राष्ट्रपति चुनाव से पहले प्रणब को संगमा की चुनौती
Fri, 22 Jun 2012 03:49 PM
ऐप पर पढ़ें

आत्मा की आवाज पर वोट और आदिवासी पहचान के आधार पर वोटिंग की उम्मीद लगाए बैठे पीए संगमा ने शुक्रवार को संप्रग के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति चुनावों से पहले परिचर्चा की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में परिचर्चा की जरूरत है।
    
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में लोगों को चुनने का अधिकार है और ऐसे वक्त में परिचर्चा की आवश्यकता है जब अर्थव्यवस्था डूब रही है और अविश्वसनीय घोटाले हो रहे हैं। संगमा ने कहा कि इन भ्रष्टाचारों के लिए कौन जिम्मेदार है, यह परिचर्चा उम्मीदवारों के बीच होनी चाहिए।
    
यह पूछने पर कि क्या वह मुखर्जी के समक्ष चुनौती पेश कर रहे हैं तो संगमा ने कहा कि ऐसा होना चाहिए। उन्होंने एक टीवी चैनल से कहा कि लोकतंत्र का मतलब है परिचर्चा। मैं परिचर्चा के लिए कह रहा हूं।
    
राष्ट्रपति पद के लिए जीत का दावा करते हुए संगमा ने कहा कि उन्होंने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी और शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे से मिलने का समय मांगा है। उन्होंने कहा कि वह हर किसी से संपर्क करेंगे।
    
उन्होंने कहा कि चुनाव गुप्त मतपत्र से होंगे। गुप्त मतपत्र का मतलब है आत्मा की आवाज पर वोट। मैं आत्मा की आवाज वाले वोट पर निर्भर हूं और इस पर विश्वास करता हूं।
    
उन्होंने कहा कि यह सच है कि लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों के बीच विभाजन है और यह दिखाता है कि राष्ट्रपति का यह चुनाव गंभीर प्रकृति का है, उतना सहज नहीं है जितना कांग्रेस दावा कर रही है।
    
संगमा ने कहा कि संप्रग उम्मीदवार को भी सत्तारूढ़ गठबंधन का पूरा समर्थन नहीं मिल रहा है क्योंकि संप्रग की सहयोगी ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने अभी तक मुखर्जी का समर्थन नहीं किया है।
    
संगमा ने कहा कि वह तृणमूल कांग्रेस प्रमुख के संपर्क में लगातार बने हुए हैं और उनके समर्थन की काफी उम्मीद है। उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में हम उनसे मिलने जा रहे हैं।
    
आदिवासी कार्ड खेलते हुए संगमा ने कहा कि देश ने जो ऐतिहासिक गलतियां की है उसे वह ठीक करना चाहते हैं, क्योंकि आदिवासियों को उनका वाजिब हक नहीं मिला है, मैं देश की आत्मा की आवाज का आह्वान करता हूं। हमने अपनी जमीन, अपने जंगल, हमने प्राकृतिक संसाधनों को दिया है, कृपया हमें मान्यता दें।
    
संगमा ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में उनकी जीत दस करोड़ से ज्यादा आदिवासियों के लिए बड़ा संदेश होगा और उन्होंने सुझाव दिया कि इससे नक्सलवाद एवं उग्रवाद जैसी आदिवासियों से संबंधित समस्याओं से निपटने में सहयोग मिलेगा।
    
उन्होंने कहा कि आदिवासी परिषद उनका प्रायोजन कर रहा है जिसका प्रतिनिधित्व सभी पार्टियों में है और राष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचक मंडल में करीब पांच फीसदी वोट हैं।
    
संगमा ने कहा कि वह पूर्वोत्तर में कांग्रेस के सभी मुख्यमंत्रियों, सांसदों औार विधायकों से संपर्क साधेंगे क्योंकि यह पूर्वोत्तर की गरिमा का सवाल है न कि पार्टी से जुड़ाव का। उन्होंने कहा कि वह देश भर के आदिवासी सांसदों और विधायकों से भी संपर्क करेंगे।

 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें