अब विदेशी उपग्रह छोड़ने की तैयार में है इसरो
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अगस्त में अपने ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी21) के जरिए दो विदेशी उपग्रहों को अंतरिक्ष में...
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अगस्त में अपने ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी21) के जरिए दो विदेशी उपग्रहों को अंतरिक्ष में छोड़ेगा। यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है।
विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के निदेशक, पी.एस. वीराराघवन ने कहा कि अगला रॉकेट प्रक्षेपण अगस्त में होगा। हम अपने पीएसएलवी रॉकेट के जरिए फ्रेंच उपग्रह एसपीओटी 6 (800 किलोग्राम) और एक छोटे जापानी उपग्रह (लगभग 15 किलोग्राम) को अंतरिक्ष में छोड़ेंगे। यद्यपि यह रॉकेट पीएसएलवी-सी21 है, लेकिन यह पीएसएलवी-सी20 से पहले अंतरिक्ष में जाएगा।
तिरुवनंतपुरम स्थित वीएससीसी इसरो का ही हिस्सा है। इसरो की व्यावसायिक शाखा, अंतरिक्ष कॉरपोरेशन लिमिटेड ने फ्रांस के ईएडीएस की अधीनता वाली कम्पनी एस्ट्रियम एसएएस के साथ एक व्यावसायिक प्रक्षेपण सेवा समझौता किया है। इस समझौते के तहत उन्नत दूरसंवेदी उपग्रह, एसपीओटी-6 को अंतरिक्ष में छोड़ा जाना है।
रोचक बात यह है कि एस्ट्रियम एसएएस द्वारा निर्मित 800 किलोग्राम वजन वाला एसपीओटी-6 उपग्रह, इसरो द्वारा छोड़े जाने वाले विदेशी उपग्रहों में अबतक का सबसे वजनी उपग्रह है। इसके पहले 2007 में इटली का 350 किलोग्राम वजन वाला ऐजल उपग्रह छोड़ा गया था।
चूंकि कुल वजन लगभग 815 किलोग्राम हो जाएगा, लिहाजा इसरो अपने कोर एलोन पीएसएलवी को इस्तेमाल में ला रहा है। इस मिशन के साथ ही इसरो द्वारा छोड़े गए विदेशी उपग्रहों की संख्या 29 हो जाएगी।
इसरो 1999 से ही विदेशी उपग्रहों को अंतरिक्ष में छोड़ रहा है। प्रारम्भ में विदेशी उपग्रहों को अपने उपग्रहों के साथ ही छोड़ा गया था। लेकिन ऐजल उपग्रह से इसरो ने पूर्णरूपेण व्यावसायिक स्तर पर उपग्रह प्रक्षेपण का काम शुरू किया है।