निकाय चुनाव की तैयारियों को लेकर भाजपा के सामने असमंसज
विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद निकाय चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा के नेताओं के सामने नित नई चुनौतियां सामने आ रही हैं, जिसकी वजह से पार्टी में खासी असमंजस की स्थिति बनी हुई...
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद निकाय चुनाव की तैयारियों में जुटी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के सामने नित नई चुनौतियां सामने आ रही हैं, जिसकी वजह से पार्टी में खासी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
पार्टी पदाधिकारियों की मानें तो तंत्र को ठीक करने की कवायद में जुटे नेताओं के सामने अब संकट इस बात का खड़ा हो गया है कि निकाय चुनाव की तैयारियों को लेकर स्थानीय स्तर पर किससे बात की जाए?
पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की हड़बड़ी प्रदेश भाजपा के नेताओं के लिए नई मुसीबत बन गई है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही को हटाने के अलावा सभी जिला, महानगर एवं मंडल इकाइयों को भंग करने का फरमान सुनाया था।
पदाधिकारी ने बताया कि इसी वजह से तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष शाही ने सभी जिला, महानगर एवं मंडल इकाइयों को भंग कर दिया था। इनका गठन अभी तक नहीं किया गया है। लेकिन अब नए प्रदेश नेतृत्व को यह समझ में ही नहीं आ रहा है कि निकाय चुनाव की तैयारियों के विषय में जिलों, महानगरों एवं मंडलों में किससे बात की जाए और किसे काम पर लगाया जाए?
पार्टी नेता ने बताया कि निकाय चुनाव की तैयारियों के सिलसिले में भाजपा की क्षेत्रीय कमेटियों की 27 अप्रैल से बैठकें शुरू हो रही हैं। इस क्रम में 27 अप्रैल को पश्चिम, 29 अप्रैल को अवध व ब्रज और 30 अप्रैल को गोरखपुर व कानपुर की क्षेत्रीय कमेटियों की बैठकें होनी हैं, जिसमें नई इकाइयों के ढांचों पर विचार किया जाएगा।
इस सम्बंध में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनोज मिश्र ने कहा, ''इकाइयों को भंग किए जाने का असर निकाय चुनावों की तैयारियों पर नहीं पड़ रहा है। कार्यकर्ता पूरी शिद्दत के साथ तैयारियों में जुटे हुए हैं। निकाय चुनाव को लेकर संचालन समितियों का गठन किया जा रहा है, जो अपना काम करेंगी।''