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कुछ खास है, ये हौज खास है

शहर की भाग-दौड़ से अलग, प्रकृति और इतिहास की गोद में बसा हौज खास विलेज अपने आप में ही बेहद खास और अलग है। दिल्ली की चहल-पहल और भीड़-भाड़ से भरे दूसरे बाजारों से एक दम परे है हौज खास विलेज मार्केट।...

कुछ खास है, ये हौज खास है
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 20 Apr 2012 11:47 AM
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शहर की भाग-दौड़ से अलग, प्रकृति और इतिहास की गोद में बसा हौज खास विलेज अपने आप में ही बेहद खास और अलग है। दिल्ली की चहल-पहल और भीड़-भाड़ से भरे दूसरे बाजारों से एक दम परे है हौज खास विलेज मार्केट। यहां कि खासियत और बदलाव के बारे में बता रही हैं शुभा दुबे

रोज गार्डन और डीयर पार्क के बीच से जाती संकरी सी सड़क से गुजरते वक्त आप यह अंदाजा भी नहीं लगा पाएंगे कि आप एक ऐसी जगह जा रहे हैं जो एकदम अनोखी है। शायद दिल्ली का यह एकलौता ऐसा बाजार होगा जहां जाकर आपको सुकून महसूस हो। हौज खास विलेज मार्केट को 2012 में 25 साल पूरे हो गए हैं। पुरानी फिल्मों के पोस्टर, किताबें, हैंड पेंटेड टी-शर्ट, डिजाइनर बुटीक, आर्ट गैलरी, सिल्वर और ऐथेनिक ज्वेलरी, कैफे, रेस्तरां और कई खूबसूरत चीजें हैं, जो आपको पूरी दिल्ली में केवल यहीं मिलेंगी। लेकिन आपको अभी तक यहां पर वही शांति और ठहराव महसूस होगा, जो आज से 25 साल पहले था। फर्क आया है तो सिर्फ यहां आने वाले लोगों और उनकी पसंद -नापसंद में।

न्यूयार्क के सोहो और ग्रीनविच विलेज जैसे माने जाने वाले हौज खास विलेज की खासियत है संकरी और शांत गलियों के बीच पुराने घरों में बनी दुकानें। लेकिन समय के साथ हर जगह में बदलाव आता है और हौज खास में भी आया है। 25 साल पहले जब हौज खास में कुछ चुनिंदा डिजाइनरों ने अपने स्टोर खोले थे तो यहां केवल उनके खास ग्राहक ही आते थे और कॉटेज ऑफ आर्ट्स एंड ज्वेल्स जैसी दुकानें विदेशी और एनआरआई ग्राहकों की पसंद थीं। दिल्ली का आम आदमी इस जगह से अनजान था। 25 साल से हौज खास विलेज को अपनी आखों के सामने बदलता देख रहीं कॉटेज ऑफ आर्ट्स एंड ज्वेल्स की मालिक कुसुम जैन ने बताया कि 25 सालों में यहां की काया पलट हो गई है। जहां पहले कुछ चुनिंदा लोग ही आते थे, वहीं विदेशियों से लेकर दिल्ली के स्थानीय लोग और स्टूडेंट्स भी अब भारी संख्या में यहां आते हैं। नए हौज खास विलेज मार्केट में जो अहम बदलाव आया है, वो है यहां पर रेस्तरां और कैफे की बढ़ती तादाद। अब इस छोटी सी जगह में 25 से भी ज्यादा कैफे और रेस्तरां हैं। बैंगल्स, नैवेद्यम और डीआईऑर यहां के प्रसिद्ध कैफे और रेस्तरां में से हैं। कई दुकानें बंद कर वहां अब कैफे खोल दिए गए हैं।

रेस्तरां, कैफे के अलावा यहां कई आर्ट गैलरी हैं जहां आप हर तरह की पेंटिंग देख और खरीद सकते हैं। ऐथेनिक सिल्वर ज्वेलरी और डिजाइनर स्टोर आपको महंगी तो लग सकती है, लेकिन यकीन मानिए जो आपको यहां मिलेगा वे शायद ही दिल्ली में कहीं और मिले। हौज खास का हर कोना खास है जो इसे विदेशी ही नहीं दिल्ली के उच्च वर्ग के साथ साथ युवाओं की भी पहली पसंद बनाता है।

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