शिफ्ट में काम कर रही हैं तो हो सकता है मधुमेह
शिफ्ट में काम करना भी मधुमेह का कारण बन सकता है। यह बात एक ताजा शोध में प्रकाशित हुई है। शोध के मुताबिक, शिफ्ट में काम करने वाले लोगों के सोने की कोई तय टाइमिंग नहीं होती...
शिफ्ट में काम करना भी मधुमेह का कारण बन सकता है। यह बात एक ताजा शोध में प्रकाशित हुई है। शोध के मुताबिक, शिफ्ट में काम करने वाले लोगों के सोने की कोई तय टाइमिंग नहीं होती है और उन्हें कम सोने के लिए मिलता है, यही वजह है कि ऐसे लोगों को मधुमेह और मोटापा होने का खतरा ज्यादा होता है।
शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में 21 लोगों के जीवन को नियंत्रित किया, जिनमें खाना और सोने का वक्त भी शामिल था। साइंस ट्रांसलेशन मेडिसिन नाम की पत्रिका में प्रकाशित इस शोध के मुताबिक, जब नींद की सामान्य प्रक्रिया में कोई बदलाव होता है, तो इस स्थिति में शरीर को शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। अध्ययन में शामिल कई लोगों में तो कुछ सप्ताह के भीतर ही मधुमेह के लक्षण नजर आने लगे।