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सेहत का गोता

स्विमिंग को आमतौर पर शौक या खेल के रूप में देखा जाता है, पर यह संपूर्ण व्यायाम भी है। पार्क की तुलना में पानी में व्यायाम करने के लिए शरीर को 15 गुना अधिक मेहनत करनी पड़ती...

सेहत का गोता
Tue, 17 Apr 2012 10:18 PM
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स्विमिंग को आमतौर पर शौक या खेल के रूप में देखा जाता है, पर यह संपूर्ण व्यायाम भी है। पार्क की तुलना में पानी में व्यायाम करने के लिए शरीर को 15 गुना अधिक मेहनत करनी पड़ती है। यह एक ऐसी क्रिया है, जिसमें जोड़ों और कंधों पर बगैर दबाव डाले आप श्वसन व रक्त संचार प्रणाली में सुधार ला सकते हैं। इस गर्मी तैराकी से कैसे लगा सकते हैं सेहत और सुकून का गोता, बता रहे हैं अशोक कुमार मिश्र

स्विमिंग यानी तैराकी एक ऐसी कला है, जिसमें मन को तो सुकून मिलता ही है, शारीरिक व्यायाम भी अच्छी तरह से हो जाता है। खासकर गर्मियों की चिलचिलाती धूप में जब जॉगिंग या तेज चलना मुश्किल लगता हो, तब स्विमिंग के जरिए ठंडक हासिल करने के साथ कैलोरी खपत भी हो जाती है। स्विमिंग  करने से कोशिकाओं, ग्रंथियों और त्वचा की सफाई तो होती ही है, साथ ही नियमित तैराकी करने से शारीरिक क्षमता में भी वृद्धि होती है। मांसपेशियां मजबूत होती हैं, कंधे और पसलियों का अच्छा व्यायाम हो जाता है। मोटे लोग तैराकी के जरिए अपना वजन भी कम कर सकते हैं। 

क्या कहते हैं शोध
शोध कहते हैं कि आमतौर पर जो व्यायाम हम पार्क में करते हैं, अगर वही एक्सरसाइज हम पानी में करें तो शरीर को पन्द्रह गुना अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इस तरह हम जितनी मेहनत करते हैं, उतनी ही अधिक कैलोरी बर्न होती है और शरीर में जमी वसा की परतें भी कम होती हैं। लगभग पचास मिनट व्यायाम करने पर औसतन पांच सौ कैलोरीज बर्न होती हैं। इसी तरह अगर  किसी व्यक्ति का वजन 70 किलो हो और वह एक घंटे जॉगिंग करे तो उसकी लगभग 281 कैलोरीज बर्न होती हैं और एरोबिक्स करने से 352 कैलोरीज बर्न होती हैं। खेल चिकित्सक एवं चेन्नई में इंडियन एकेडमी ऑफ स्पोर्ट्स रिसर्च के संस्थापक संतोष जैकब के अनुसार, ‘स्विमिंग एक ऐसा व्यायाम है, जिसमें जोड़ों पर सबसे कम दबाव पड़ता है। इसका कारण है कि जमीन की तुलना में पानी में शरीर हल्का महसूस करता है। चूंकि स्विमिंग के दौरान श्वास को नियंत्रित भी करना पड़ता है, इसलिए इससे फेफड़ों का व्यायाम हो जाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है। लयबद्धता के साथ तैराकी के दौरान शरीर की मूवमेंट्स तन और मन दोनों के संतुलन को बढ़ाती हैं। चूंकि स्विमिंग के दौरान शरीर को अधिक मात्रा में ऑक्सीजन मिलती है, इसलिए इससे दिमाग अधिक सतर्क बनता है, केन्द्रित करने की मानसिक क्षमता का विकास होता है और रक्त संचार में सुधार होता है। स्विमिंग का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे किसी भी उम्र के लोग कर सकते हैं।

गर्भवती महिलाओं की सहन शक्ति बढ़ती है  
गायनेकोलॉजिस्ट क्षमा शर्मा कहती हैं, ‘स्विमिंग विशेष तौर पर गर्भवती महिलाओं के लिए लाभदायक है, क्योंकि इससे पेट और पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और गर्भ में शिशु के वजन को सहने की क्षमता बढ़ती है। यही नहीं, तैराकी की मदद से उच्च रक्तचाप तथा जोड़ों में कड़ापन जैसी गर्भावस्था से जुड़ी अन्य समस्याओं में भी मदद मिलती है।’

दुर्घटना की आशंका है कम
स्विमिंग की सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें दुर्घटना की आशंका बहुत कम होती है। जोड़ों में कम दबाव पड़ने के कारण बोन डिसॉर्डर से जुड़ी बीमारियां जैसे ऑस्टियोपोरोसिस, ऑर्थराइटिस और ऑटो इम्यून की स्थितियां जैसे फाइब्रोमायोल्जिया से ग्रसित व्यक्तियों के लिए स्विमिंग कसरत का सबसे अच्छा तरीका है।

एक्सरसाइज के लिए जरुरी सामान 
एक जोड़ा प्लास्टिक फिन, एक जोड़ी रबड़ डम्बल्स और गॉगल्स, कैप आदि सामान्य एक्सेसरीज अपने पास अवश्य रखें। स्विमिंग कैप पहनने का सबसे बड़ा फायदा है कि इससे बालों को नुकसान नहीं पहुंचता। इसी तरह पानी में मौजूद क्लोरीन आंखों में ड्राई आई, बर्न, कंजेक्टिवाइटिस की समस्या उत्पन्न कर देती है। ऐसे में आंखों में गॉगल्स पहनना अच्छा रहता है। यदि आप पहली बार स्विमिंग कर रहे हैं तो स्विमिंग ट्यूब्स और फ्लोटर्स का होना भी फायदेमंद रहेगा।

दिल भी बनता है मजबूत
स्विमिंग से रक्त दाब तथा हृदय गति की अनियमितता को दूर करने में मदद मिलती है, जिससे हृदय धमनियों से जुड़ी बीमारियों का खतरा घटता है। अगर आधे घंटे तक फ्रीस्टाइल या ब्रेस्टस्ट्रोक तैराकी की जाए तो दिल का दौरा पड़ने का खतरा निश्चित रूप से कम हो सकता है। हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर गगनजीत कौर कहती हैं, ‘जिन्हें हृदय सम्बन्धी दिक्कतें पहले से ही हों, उन्हें स्विमिंग से पहले चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। रोजाना स्विमिंग करने से दिल की धड़कन की दर बढ़ाने में मदद मिलती है, साथ ही फेफड़ों का व्यायाम होता है। पानी के अंदर झुक कर एक बार अपने पैरों को छूना 10 कदम दौड़ कर की जाने वाली कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज के बराबर है। ऐसे में पानी में किया गया व्यायाम जमीन की तुलना में 9 गुना अधिक लाभ देता है।

इन बातों का ध्यान रखना भी जरूरी
शुरुआत में तैराकी किसी की देख-रेख में ही करें। स्विमिंग पूल का चुनाव करते समय यह सुनिश्चित कर लें कि पूल की नियमित सफाई होती हो। दया मेमोरियल हॉस्पिटल के डॉ. कपूर बताते हैं, ‘यदि पानी साफ नहीं है या पानी में क्लोरीन अधिक है तो त्वचा संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं। क्लोरीन के कारण त्वचा में रूखापन आ जाता है। यह भी देखें कि एक साथ कितने लोग स्विमिंग कर रहे हैं। अधिक लोग यदि स्विमिंग कर रहे हैं तो पानी जल्दी गंदा हो जाता है। रिक्रेशनल वॉटर इलनेस (आरडब्ल्यूआई यानी प्रदूषित पानी में खेलने या तैरने से होने वाली बीमारियां) की गिरफ्त में यूं तो किसी भी उम्र के लोग आ सकते हैं, पर 10 साल की उम्र तक के बच्चों में इसकी आशंका अधिक होती है। डायरिया होने पर बच्चों को तैराकी नहीं करनी चाहिए। तैरने से पहले और बाद में साफ पानी से नहाएं। नदी या झील में तुरंत भारी बारिश के बाद न नहाएं। अन्य व्यायामों की तरह स्विमिंग खाली पेट करनी चाहिए। खूब पानी पिएं।

कौन सी स्विमिंग है असरदार
सभी व्यायामों की अपेक्षा स्विमिंग में अधिक गतिशीलता एवं लचीलापन है। स्विमिंग की शुरुआत करने वालों को फ्रीस्टाइल एवं ब्रेस्टस्ट्रोक का मिला-जुला इस्तेमाल करना चाहिए। ब्रेस्टस्ट्रोक वार्म-अप के लिए सबसे बेहतर है और इसमें आपकी मांसपेशियों में कम खिंचाव आता है एवं उन पर कम जोर पड़ता है। फ्रीस्टाइल अधिक जोरदार है तथा इसके लिए अधिक बल की जरूरत होती है। आमतौर पर लोगों में बटरफ्लाई स्विमिंग सबसे अधिक लोकप्रिय है, खासतौर पर वजन कम करने के इच्छुकों में बटरफ्लाई स्विमिंग कैलोरी को घटाती है।
बटरफ्लाई स्ट्रोक में आपकी मांसपेशियों पर सबसे अधिक दवाब पड़ता है, खास तौर पर पीठ एवं कंधे और फेफड़े की मांसपेशियों पर। इससे पेट, वक्ष-स्थल एवं गर्दन की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।

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