नई नगर सरकारों पर निर्भर करेगी विकास रफ्तार
नगर निकाय चुनावों की रणभेरी बज चुकी है। सोमवार को चुनावों की अधिसूचना जारी हो जाएगी। इस बार का चुनाव काफी महत्वपूर्ण...
नगर निकाय चुनावों की रणभेरी बज चुकी है। सोमवार को चुनावों की अधिसूचना जारी हो जाएगी। इस बार का चुनाव काफी महत्वपूर्ण है। सूबे के शहर बदतर हालात में हैं। राज्य सरकार ने श्रेणी के हिसाब से शहरों के विकास कार्ययोजना तैयार कर ली है।
पटना महानगर का मास्टर प्लान तैयार है। मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर, दरभंगा, पूर्णिया समेत कई शहरों को बड़े शहर की शक्ल देने की भी योजना बन चुकी है। पहली बार मझाेले और छोटे शहरों के अलावा 28 शहरों का सिटी डेवलपमेंट प्लान तैयार है।
गंगा किनारे बसे 20 शहरों के सौंदर्यीकरण और बेहतरी की योजना को सरजमीन पर उतारने की चुनौती है। शहरों को व्यवस्थित करने से लेकर उसे गंदगीमुक्त बनाने, पेयजल आपूर्ति, जल निकासी-सिवरेज, कचरा प्रबंधन, नदी तट विकास, शहरों को स्लममुक्त बनाने, बेहतर यातायात प्रबंधन, सैटेलाइट टाउनशिप विकसित करने जैसी कई योजनाएं हैं। इनमें से कई योजनाएं पहली बार बनी हैं, तो कई वर्षो से कार्यान्वयन की प्रतीक्षा में हैं। ऐसे में मजबूत नगर निकाय ही अपने शहरों का बेहतर ढंग से विकास कर पाएंगे।
बड़े शहरों के विकास की योजनाएं
* शहर का विस्तार, विस्तार की संभावनाओं का अध्ययन
* महत्वपूर्ण निर्माण शहर से बाहर, ताकि विकास विकेन्द्रित हो
* सड़क यातायात व्यवस्था दुरुस्त होगी
* रिंग रोड व आंतरिक रोड का विकास
* आंतरिक यातायात की बेहतर व्यवस्था
* औद्योगिक विकास की संभावनाओं की तलाश
नागरिक सुविधाओं का विकास
* पूरे शहर में अनिवार्य सीवरेज सिस्टम
* कचरे के निपटारे का पुख्ता प्रबंध
* पूरे क्षेत्र में पाइप के माध्यम से जलापूर्ति व्यवस्था
* निर्धारित मानक पर ही रिहायशी कॉलोनी-आवास निर्माण
मध्यम व छोटे शहरों में योजनाएं
* इस समय सूबे के मझोले व छोटे शहरों में संरचना विकास कार्यक्रम के तहत कई योजनाएं संचालित हो रही हैं। इन शहरों में मुजफ्फरपुर, आरा, फतुहा, मुरलीगंज, बरबीघा, भभुआ, बख्तियारपुर, लालगंज, चकिया, नरकटियागंज और रोसड़ा में लगभग 261 करोड़ रुपए की योजनाओं पर काम चल रहा है। इसके तहत इन शहरों में जलापूर्ति योजना, ठोस अवशिष्ट प्रबंधन, पथ व नाला निर्माण की योजनाएं शामिल हैं।
क्या है सिटी डेवलपमेंट प्लान
सूबे के 28 शहरों को अगले पांच वर्षो में देश के विकासशील शहरों की श्रेणी में खड़ा करना है। ये शहर व्यवस्थित व नागरिक सुविधाओं से युक्त होंगे। इन्हें स्लम मुक्त भी बनाना है। अलग-अलग शहरों की अलग-अलग व्यवस्थित योजनाएं होंगी और उसी आधार पर वहां विकास व निर्माण कार्य होंगे। सपोर्ट प्रोग्राम फॉर अर्बन रिफार्म्स के तहत इन शहरों के लिए विकास योजनाओं का प्रारूप तैयार किया गया है।
क्या होगा
* शहरों का 20 वर्षो की जरूरतों को ध्यान में रखकर सिस्टमेटिक डेवलपमेंट प्लान
* मुख्य रूप से जल से संबंधित योजनाएं, पेयजल, सिवरेज, ड्रेनेज, ठोस कचरा प्रबंधन, सड़क एवं पुल निर्माण, फुटपाथ स्ट्रीट लाइट, व्यवस्थित कॉलोनी, बेहतर व उन्नत स्वास्थ्य सेवाएं, जरूरत के अनुसार विद्यालय, उनके रखरखाव, जरूरत के अनुसार धन का प्रबंधन आदि
सिटी डेवलपमेंट प्लान में ये शहर हैं शामिल
पटना, दानापुर निजामत, खगौल, फुलवारीशरीफ, बिहारशरीफ, गया, बोधगया, औरंगाबाद, नवादा, हाजीपुर, छपरा, सीवान, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, बेतिया, मोतिहारी, डेहरी, सासाराम, आरा, बेगूसराय, दरभंगा, पूर्णिया, सहरसा, किशनगंज, कटिहार, भागलपुर, मुंगेर और जमालपुर
स्लम विकास की योजना
रहने की बेहतर व्यवस्था, बुनियादी सुविधाएं, स्वच्छ पेयजल, शौचालय, जल निकासी की व्यवस्था, आस-पास का वातावरण स्वच्छ, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य की सुविधा, स्ट्रीट लाइट, कूड़े का निष्पादन