एक साल बाद मिला बेटे का शव
उत्तर प्रदेश में एक साल बाद शुक्रवार को बेटे का शव मिलने की मानवीय संवेदनाओं को झकझोरकर रख देने वाली एक घटना प्रकाश में आई...
उत्तर प्रदेश में एक साल बाद शुक्रवार को बेटे का शव मिलने की मानवीय संवेदनाओं को झकझोरकर रख देने वाली एक घटना प्रकाश में आई है।
एक साल की लम्बी लडा़ई के बाद बेटे का शव विदेश से यहां आ पाया। इसके लिए मां-बाप को अधिकारियों के दर पर भटकने के बावजूद सफलता नहीं मिलने पर मजबूरन अदालत का दरवाजा खटखटाना पडा़। शव तो मां-बाप को मिल गया है लेकिन उसकी स्थिति भयावह है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ के आदेश के बाद सक्रिय हुई केन्द्र सरकार ने सऊदी अरब सरकार से पत्र-व्यवहार करके शव मंगवाया। मुबारक अली नाम के युवक के शव को कल अधिकारियों ने यहां उसके परिजनों के सुपुर्द किया।
पीडित परिवार के वकील सतीश चन्द्र ने बताया कि बलरामपुर जिले के उतरौला का रहने वाला मुबारक (25) पिछले वर्ष मुजफ्फरअली की मदद से रोजगार के लिए रियाद गया था। दो दिन बाद उसने वहां पहुंचने और कुशल से रहने की बात टेलीफोन से बताई थी। उसके बाद उसका अपने परिजनों से कोई सम्पर्क नहीं हो सका था।
वहां वह किसी खलीफा के यहां काम करने लगा। खलीफा ने पिछले साल 15 अप्रैल को उसकी मौत की खबर पत्र द्वारा दी थी। सतीश चन्द्र बताया कि मुबारक का शव हासिल करने के लिए भारत तथा सऊदी अरब सरकार से गुहार लगाई गई लेकिन सफलता नहीं मिली।
इसके बाद पिछले वर्ष दिसम्बर ने न्यायमूर्ति डी.पी.सिंह और न्यायमूर्ति ए.सी.चौरसिया की पीठ ने मुबारक के पिता हसरतअली और उसकी पत्नी शाहिदा बेगम की याचिका को निस्तारित करते हुए मुबारक के शव को अन्तर्राष्ट्रीय करार के तहत भारत लाने के लिए केन्द्र सरकार को आदेश दिया। न्यायालय ने शव को लाने से पहले निष्पक्ष जांच कराने का भी आदेश दिया।
इस आदेश के तहत बुधवार देर रात शव लखनऊ आ गया जिसे कल उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। शव उसके पैतृक निवास उतरौला ले जाया गया है।