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थंडर स्क्वॉयल ने ठंडा किया मौसम, फसलों को नुकसान

दिल्ली एनसीआर के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मंगलवार की शाम मौसंम ने ऐसा करवट लिया कि सब कुछ ठहर...

थंडर स्क्वॉयल ने ठंडा किया मौसम, फसलों को नुकसान
Tue, 10 Apr 2012 11:43 PM
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दिल्ली एनसीआर के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मंगलवार की शाम मौसंम ने ऐसा करवट लिया कि सब कुछ ठहर गया। औसतन 50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से धूल भरी आंधियां चलीं। इसके बाद 15 मिलीमीटर बारिश हुई, बिजली कड़की और बड़े-बड़े ओले पड़े। आंधी के कारण जगह-जगह पेड़ और बिजली के पोल-तार गिर गए, जिससे यातायात रुक गया। इसके साथ पककर तैयार खड़ी गेहूं की फसल और काम के बौर को भारी नुकसान पहुंचा।

मौसम विशेषज्ञ अशोक गुप्ता के अनुसार मंगलवार को आंधी-तूफान के साथ बारिश और बिजली की कड़क के साथ ओलावृष्टि का घटनाक्रम थंडर स्क्वॉयल था। थंडर स्क्वॉयल का ज्यादा असर दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान में देखा गया है। बुधवार और गुरुवार को भी इसके रिपीट होने का अंदेशा है। पहले भी वेस्ट यूपी में थंडर स्क्वॉयल आया था, तब हस्तिनापुर से लेकर मुजफ्फरनगर-सहारनपुर तक भारी नुकसान हुआ था। पिछले साल भी स्क्वॉयल आया था। 16 अप्रैल 2011 को भी वेस्ट यूपी में 16.5 मिलीमीटर बारिश हुई थी।

मौसम विभाग के अनुसार वेस्ट यूपी में शाम करीब छह बजे मौसम में तब्दीली आई। अचानक अंधेरा छा गया, इसके बाद तेज हवाओं ने आंधी का रूप ले लिया।

मेरठ-सहारनपुर मंडल और बिजनौर में करीब आठ लाख हेक्टेयर से ज्यादा रकबे में गेहूं की फसल है। कृषि विशेषज्ञों का इस बार बंपर पैदावार का अनुमान था और मार्च अंत तक पड़ी ठंड ने भी किसानों का साथ दिया था। फसल पककर तैयार हो गई और कुछ जगहों पर मंगलवार से कटाई भी शुरू हुई, लेकिन ऐन वक्त पर मौसम ने इस कदर करवट बदली कि किसानों के अरमानों पर पानी पड़ गया। कृषि विभाग बुधवार से फसलों को हुए नुकसान का आकलन करेगा। 
बागपत के रटौल में आम की बौर झड़ने से फसल को नुकसान पहुंचा है। खड़ी गेहूं की फसल भी गिर गई। खेतों में रखी गेहूं की पुलियां उड़कर दूसरे खेतों में जा गिरीं। बुलंदशहर  में धूलभरी आंधी के कारण सड़क पर लोगों का चलना मुश्किल हो गया। मौसम का यह विकराल रूप करीब एक घंटे तक रहा। बुलंदशहर, गुलावठी, सिकंदराबाद, स्याना, औरंगाबाद, खुर्जा सहित जनपद के सभी क्षेत्रों में आंधी का असर दिखा।  हाईवे पर यातायात ठप सा हो गया और सन्नाटा नजर आने लगा। थोड़ी ही देर बाद बारिश होने लगी। आंधी ने कटी हुई फसल को उड़ा दिया। फसल भीगने के कारण अब थ्रेसरिंग में भी दिक्कत होगी। एक अनुमान के अनुसार जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में आम के लगभग 15 से 20 प्रतिशत बौर जमीन पर गिर गए।

सहारनपुर में आंधी, बारिश और ओले के चलते गेहूं और आम फसल को नुकसान हुआ है। ओले सिर्फ नकुड़ बेल्ट में ही पड़े, जबकि आंधी का कहर पूरे जिले में रहा। इस दौरान बिजली के खंभे गिरने के चलते कई स्थानों पर आपूर्ति ठप रही। उधर, छुटमलपुर, सरसावा और अंबेहटा में आंधी से तैयार खड़ी गेहूं की फसल खेत में बिछ गई तथा आम के पेड़ में बौर को भी काफी नुकसान पहुंचा है।

मुजफ्फरनगर में करीब दो तीन प्रतिशत गेहूं की फसल गिर गई है। प्रबुद्धनगर जिले में आंधी के बाद तेज बारिश और ओलावृष्टि होने से गेहूं की फसल को अधिक नुकसान हुआ है। एडीएम आरएस दुहान का कहना है कि सभी लेखपालों को निर्देशित किया गया है कि वह गांव में भ्रमण कर नुकसान का आकलन करें।
बिजनौर में आंधी से नेजा मेला में लगी दुकानों को अस्तव्यस्त कर दिया। इसके बाद हुई बारिश ने गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाया।

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