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प्यारे पापा

पापा कमरे में आए तो चिंटू उन्हें देखकर रोने लगा। किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि चिंटू को हुआ क्या है। चिंकी ने बताया, भैया ने कल दिन भर कुछ नहीं...

प्यारे पापा
Mon, 26 Mar 2012 11:47 AM
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पापा कमरे में आए तो चिंटू उन्हें देखकर रोने लगा। किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि चिंटू को हुआ क्या है। चिंकी ने बताया, भैया ने कल दिन भर कुछ नहीं खाया। जब पापा ने बिस्तर पर बैठकर उसके सिर पर हाथ रखा तो वह और जोर-जोर से रोने लगा था

आज मंगलवार है और चिंटू-चिंकी को स्कूल जाना है। लेकिन ये क्या, सुबह के आठ बज गए हैं और चिंटू अब तक सो रहा है। मम्मी-पापा ने आवाज लगाई तो वह उठकर बिस्तर पर बैठ गया, लेकिन कमरे से बाहर नहीं निकला। पापा तो चिंटू और चिंकी दोनों को ही बहुत प्यार करते हैं, लेकिन जरूरत पड़ती है तो मम्मी ही दोनों बच्चों को डांट लगाती हैं। मम्मी को आज फिर लगा कि चिंटू बदमाशी कर रहा है। वह ऊंची आवाज में चिंटू को बुलाते हुए उसके कमरे की तरह बढ़ीं, लेकिन बरामदे में ही चिंकी ने उन्हें रोक लिया, ‘मम्मी, भैया बदमाशी नहीं कर रहा है। वह बहुत उदास है।’ ‘क्यों उदास है, क्या हुआ है? रात में भी बिना खाए सो गया था!’ मम्मी कमरे में पहुंची तो चिंटू बेड पर सिर झुकाए बैठा था। मम्मी ने पूछा, ‘चिंटू..? बेटा क्या हुआ, क्यों उदास हो?’ चिंटू ने कोई जवाब नहीं दिया तो मम्मी ने पापा को आवाज लगाई, ‘ए जी, लो संभालो अपने लाड़ले को।’
पापा कमरे में आए तो चिंटू रोने लगा। किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि चिंटू को हुआ क्या है। चिंकी ने बताया, ‘भैया ने कल दिन भर कुछ नहीं खाया। मास्टरजी पढ़ाने आए थे तो मुझे लगा कि भैया की तबियत खराब है, इसलिए मैंने मास्टरजी को बता दिया।’ जब पापा ने बिस्तर पर बैठकर उसके सिर पर हाथ रखा तो वह जोर-जोर से रोने लगा। ‘यह क्या हो गया मेरे बेटे को?’ जब पापा ने पूछा तो चिंटू ने जल्द ही अपना सिर पापा की गोद में रख दिया और वह सुबक-सुबक कर रोने लगा।

सुबकते हुए वह बोला, ‘सॉरी पापा! मुझे माफ कर दीजिए पापा..प्लीज..।’ और वह पापा की आंखों के ऊपर लगे लंबे टांके के निशान को देखने लगा। उसके मन में सहसा सवाल उठा, ‘अगर चोट कुछ और नीचे लग जाती तो पापा की आंखें ही..।’ वह आज अपराधबोध से भरा हुआ था, ‘यह मेरी ही वजह से तो हुआ था। पापा इतना प्यार करते हैं, लेकिन मैं बदमाशी ही करता रहता हूं।’ वह मन में सोच रहा था।

‘पापा, मैं आपको बहुत परेशान करता हूं न?’ चिंटू ने पूछा तो पापा ने कहा, ‘मेरा चिंटू तो कितना प्यारा बेटा है। ..और मम्मी-पापा को परेशान नहीं करेगा तो किसे परेशान करेगा। कितना होशियार है मेरा बेटा, हर बार पढ़ाई में अव्वल आता है। लेकिन बेटा हुआ क्या है, किसी ने कुछ कहा?’ मम्मी ने बीच में ही टोका, ‘बेटा, पहले खाना खा लो, हमें ऑफिस भी जाना है न?’ तो पापा ने कहा, ‘तुम जाओ ऑफिस, आज तो मैं अपने बच्चों से बहुत सारी बातें करूंगा।’ मम्मी ने चिंटू और चिंकी को खाना खिला दिया और वह ऑफिस चली गईं। उसके बाद पापा बच्चों के कमरे आ गए।

‘अब मेरा बेटा बताएगा कि वह इतना उदास क्यों था।’ चिंटू ने एक सवाल किया, ‘पापा आप चिम्पैंजी  से मिले हैं?’ ‘हां, बचपन में, जब तुम्हारी उम्र का था, बिल्कुल 12 साल का। तो चिम्पैंजी को चिड़ियाघर में देखा था।’ ‘क्या हमारे पूर्वज वैसे ही थे?’ ‘हां, कहते हैं कि हमारे पूर्वज वैसे ही थे। लेकिन तुम्हें अचानक चिम्पैंजी का ख्याल कैसे आया? ..अरे हां, तुम भी रविवार को चिड़ियाघर गए थे न, क्या हुआ था?’ ‘वहां बहुत बड़ा चिम्पैंजी था और उसका परिवार भी। वह बिल्कुल आप जितना बड़ा था- 5 फुट 6 इंच का और उसका बच्चा तो हमसे भी बड़ा था। उसका नाम तो भोलू था, लेकिन बहुत बदमाश था वह। मास्टरजी बता रहे थे कि 15 साल का होगा।’ ‘लेकिन तुमने कैसे जाना कि वह बहुत बदमाश था?’ चिंटू ने पापा की अंगुलियों में अपनी अंगुलियां फंसाते हुए कहा, ‘उसने अपने पापा को पेड़ पर से धकेल दिया..था..।’ वह अचानक रुक गया और पापा की आंखों के ऊपर पड़े टांके के निशान को देखने लगा।

पापा समझ गए कि इसीलिए चिंटू उदास और परेशान था। उन्होंने पूछा, ‘आप चुप क्यों हो गए?’ ‘कुछ नहीं पापा, मैंने भी आपको उसी तरह सीढ़ियों से धकेल दिया था न। ..गलती हो गई थी पापा, फिर भी आपने मारा नहीं था, डांटा भी नहीं था!’ ‘बेटा, तब तो आप चिंकी की तरह थे, सिर्फ 10 साल के। मुझे पता है कि
तुमसे गलती हो गई थी। इसलिए मारता क्यों? लेकिन हां, तुम तो इतने समझदार हो, तुम अब ऐसी गलती नहीं करोगे, ये मुझे मालूम है।’

चिंटू ने तुरंत अपने दोनों कान पकड़ लिए, ‘ऐसी गलती कभी नहीं करूंगा पापा। और अब तो मैं सीढ़ियों पर तेजी दौडूंगा भी नहीं और बॉक्सिंग वाला खेल भी नहीं खेलूंगा। ..चिड़ियाघर वालों ने भोलू के घर के आगे बोर्ड लगा रखा था कि भोलू बहुत शैतान है, उसे बिल्कुल परेशान न करें। हम लोग देख रहे थे, तो उसके पापा उसे फ्रूट्स खिला रहे थे, लेकिन तुरंत ही उसने अपने पापा को पेड़ से नीचे धकेल दिया। उसके पापा को एक पैर में चोट भी लगी थी।’

‘तो इसलिए तुम्हें याद आ गया कि तुम्हारी वजह से मैं सीढ़ियों से गिर गया था और मुझे टांके लग गए थे, है न?’ चिंटू ने कहा, ‘हां, पापा। लेकिन अब तो कान पकड़ लिए, ऐसी गलती कभी नहीं करूंगा।’

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