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इंटरव्यू बोर्ड की पसंद-नापसंद को समझना है जरूरी

इंटरव्यू से पहले आप खूब तैयारी करते हैं, पर क्या जानते हैं कि किसी कंपनी का इंटरव्यू बोर्ड आप में क्या खोजता है? क्या करके आप बोर्ड के सामने अपना प्रभाव जमा सकते...

इंटरव्यू बोर्ड की पसंद-नापसंद को समझना है जरूरी
Thu, 15 Mar 2012 11:06 PM
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इंटरव्यू से पहले आप खूब तैयारी करते हैं, पर क्या जानते हैं कि किसी कंपनी का इंटरव्यू बोर्ड आप में क्या खोजता है? क्या करके आप बोर्ड के सामने अपना प्रभाव जमा सकते हैं? जानने के लिए पढ़ें यहां दिए मंत्र

प्रोफेशनल दिखें
द हेड हंटर्स के चेयरमैन क्रिस लक्ष्मीनाथ बताते हैं कि अगर आप अनौपचारिक परिधान पहनते हैं या फिर अस्त-व्यस्त दिखते हैं तो यह आपमें अवसर के प्रति गंभीरता की कमी को दिखाता है। नियोक्ता उम्मीदवार में उत्साह और आंखों की चमक देखता है। बातचीत में भाषा संबंधी दोषों का ध्यान रखें। लच्छेदार शब्दों के प्रयोग से बचें। उत्साह में अनौपचारिक न बनें।

खुद सैलरी पर न करें बात
पहली मीटिंग में सैलरी के बारे में न पूछें। नियोक्ता के बोलने का इंतजार करें। आईआईएम इंदौर की भव्या कपूर कहती हैं कि यदि आप पहले राउंड में सैलरी पूछते हैं तो यह नौकरी के लिहाज से ठीक नहीं है। हो सकता है कि आप दूसरे राउंड पर पहुंचे ही नहीं। सैलरी व भत्तों के बारे में एचआर राउंड का इन्तजार करें। किसी भी तरह के पूर्वाग्रहों से बचें।

कंपनी की रखें जानकारी
जिस कंपनी में जा रहे हैं, वहां की जानकारी होना जरूरी है। एग्जीक्यूटिव सर्च फर्म स्टैनटोन चेंज इंटरनेशनल के एशिया-प्रशांत क्षेत्रीय उपाध्यक्ष संजय शास्त्री बताते हैं कि कंपनी के स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शन से जुड़ी जानकारी, कमजोर या मजबूत बिंदु का पता होना चाहिए। जिस पद के लिए आवदेन कर रहे हैं, उसके प्रोफाइल की जानकारी होनी चाहिए।

कमियों को बनाएं खूबी
कभी भूल कर भी ना कहें कि आप में कोई कमी नहीं है। अपनी कमियों को  खूबी बना कर पेश करें। जैसे आप कह सकते हैं कि मैं हर बात को विस्तार में जानना चाहता हूं/चाहती हूं, जिसमें समय अधिक लग जाता है। इस तरह जवाब देना सकारात्मक होगा। पर वही कहें, जिसे सिद्ध कर सकते हों। तकनीकी कौशल के बारे में बढ़ा-चढ़ा कर झूठ न बोलें।

जवाबों की करें पूर्व तैयारी
कुछ सवाल हर इंटरव्यू में पूछे जाते हैं, मसलन अपने बारे में कुछ बताएं, इस कंपनी को क्यों चुना आदि, यह जानते हुए भी कि उम्मीदवार इसकी तैयारी नहीं करते या रटे-रटाए उत्तर देते हैं। भव्या कपूर कहती हैं, ‘ऐसे सवालों के लिए कभी भी कोई चापलूसी या प्रशंसा भरा जवाब ना दें। बात को विनम्रता के साथ रखें। प्रश्न को ध्यान से सुनें।
प्रस्तुति: अशोक कुमार मिश्र

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