चूड़ी व कांच उद्योग को मदद की दरकार
नाना प्रकार की समस्याओं से जूझ रहे सुहागनगरी के चूड़ी व कांच उद्योग को अनुकूल वातावरण के साथ सरकारी मदद की दरकार...
नाना प्रकार की समस्याओं से जूझ रहे सुहागनगरी के चूड़ी व कांच उद्योग को अनुकूल वातावरण के साथ सरकारी मदद की दरकार है। सूबे में सरकार का गठन अभी भले ही न हुआ हो, लेकिन उद्यमी कांच नगरी के औद्योगिक विकास के लिये भावी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर अपेक्षा भरी निगाहें लगाकर बैठे हैं। उद्यमियों का मानना है कि प्रदेश के नये मुखिया ने अगर उद्यमियों को राहत दी तो शहर का औद्योगिक विकास तेजी से हो सकेगा।
बताते चलें कि महिलाओं के सुहाग की प्रतीक रंग बिरंगी कांच की चूड़ियों का उत्पादन होने की वजह से फिरोजाबाद सुहागनगरी के रूप में जाना पहचाना जाता है। चूड़ियों के अलावा आकर्षक किचिन वेयर व डेकोरेटिव ग्लास आयटमों का उत्पादन कर शहर के चूड़ी व कांच उद्योग ने देश विदेश में अपनी विशिष्ट पहचान बनायी है।
यह कार्य उद्यमियों व कारीगरों के हुनरमंद हाथों ने स्वयं कर दिखाया है। इसमें केन्द्र व राज्य सरकार का योगदान ऊंट के मुंह में जीरे के समान रहा है। मौजूदा समय में फिरोजाबाद का कांच उद्योग विषम परिस्थितियों से गुजर रहा है। सरकार चाहे केन्द्र की हो या राज्य की वह राहत देने के वजाय कांच उद्योग पर विविध प्रकार के टैक्स का बोझ ही बढ़ाती रही है।
विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने जा रही है। इस वजह से उद्यमियों को नई सरकार से अनेक आशंकायें हैं और उम्मीद भी। आशंका इसलिये कि पिछले सपा शासन में अराजकतापूर्ण माहौल के चलते उनके अनुभव अच्छे नहीं रहे। उम्मीद इसलिये कि सपा के युवराज अखिलेश यादव मुख्यमंत्री की कुर्सी सम्हालने जा रहे हैं।
उन्होंने जनता से गुण्डागर्दी समाप्त करने के साथ प्रदेश को विकास की राह पर ले जाने का वायदा किया है। उद्यमियों का मानना है कि भावी मुख्यंत्री अखिलेश पढ़ा लिखा और जोश से लबरेज युवा चेहरा है। इसलिये वे नई सोच के साथ उद्योगों को विकसित करने के लिये भी काम करेंगे।