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89 उम्मीदवार नहीं बचा पाए अपनी जमानत

गाजियाबाद। विनीत कुमार। जनता जर्नादन के आगे लोकतंत्र में सब बौने हैं। हाथ जोड़कर वोट मांगने वालों को भले ही जनता अपने दरवाजे पर अभिवादन करती हो, लेकिन वोटिंग के समय अधिकांश प्रत्याशियों को करारा जवाब...

89 उम्मीदवार नहीं बचा पाए अपनी जमानत
Wed, 07 Mar 2012 12:13 AM
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गाजियाबाद। विनीत कुमार। जनता जर्नादन के आगे लोकतंत्र में सब बौने हैं। हाथ जोड़कर वोट मांगने वालों को भले ही जनता अपने दरवाजे पर अभिवादन करती हो, लेकिन वोटिंग के समय अधिकांश प्रत्याशियों को करारा जवाब भी देती है। चुनाव जीतना तो दूर जनता ने कई धुरंधरों को जमानत बचाने का मौका भी नहीं दिया।

चुनाव में खड़े जनपद गाजियाबाद तथा पंचशीलनगर के 113 प्रत्याशियों में से 89 अपनी जमानत भी बचाने में नाकाम रहे। चार सीटों पर सपा प्रत्याशियों की जमानत भी जब्त हुई है। गाजियाबाद-हापुड़ की पांच विधानसभा पर हुए पिछले तीन आम चुनावों में जनता ने 80 फीसदी प्रत्याशियों की जमानत ही जब्त करा दी।

हापुड़ जनपद बनने से पूर्व गाजियाबाद में पांच विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए हैं। इनमें गाजियाबाद, मुरादनगर, मोदीनगर, हापुड़ तथा गढ़मुक्तेश्वर शामिल थे। 2004 में गाजियाबाद सीट पर तथा तीन वर्ष पूर्व मुरादनगर सीट पर उपचुनाव हुए थे। इसके अतिरिक्त 2007, 2004 तथा 1997 के आम चुनाव में करीब 80 फीसदी प्रत्याशी अपनी जमानत भी बचाने में नाकाम रहे।

अधिकांश चुनावों में विजयी प्रत्याशी के साथ ही दूसरे नंबर पर रहने वाले प्रत्याशी ही अपनी जमानत बचा पाए। इस बार साहिबाबाद में सबसे अधिक 14 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई है। इस सीट पर बसपा तथा भाजपा प्रत्याशी के अलावा सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई।

इनमें सपा प्रत्याशी प्रहलाद शर्मा तथा कांग्रेस प्रत्याशी सतीश त्यागी भी शामिल हैं। केवल मुरादनगर सीट ही ऐसी सीट रही जहां किसी बड़े दल के प्रत्याशी की जमानत जब्त नहीं हुई है। मोदीनगर में भाजपा प्रत्याशी सतेंद्र त्यागी, हापुड़ में सपा प्रत्याशी किरन, धौलाना में रालोद प्रत्याशी अयूब, लोनी में सपा प्रत्याशी औलाद अली, गाजियाबाद में सपा प्रत्याशी पवन शर्मा तथा गढ़ में भाजपा प्रत्याशी कृष्णवीर सिंह सिरोही जमानत बचा पाने में नाकाम रहे।

क्या है जमानत जब्त होनाः चुनाव में हुए कुल मतदान का 1/6 वोट जमानत बचाने के लिए जरूरी है। यानी कुल पोलिंग का लगभग 16.66 फीसदी वोट। लेकिन मुकाबले में चलने वाले प्रत्याशियों के अतिरिक्त अन्य प्रत्याशियों के लिए जमानत बचाना मुश्किल होता है।

नामांकन के समय प्रत्याशी को दस हजार रूपये की जमानत देनी होती है। निर्धारित वोट पाने में नाकाम रहने वाले प्रत्याशियों की यही जमानत जब्त मानी जाती है।प्रत्याशियों का हाल बुराविधानसभा चुनाव 2007 कुल प्रत्याशी 70जमानत जब्त 57विधानसभा चुनाव 2012 कुल प्रत्याशी 113जमानत जब्त 89सभी सीटों पर प्रत्याशियों का हालविधानसभा प्रत्याशी जमानत जब्तगाजियाबाद 16 13साहिबाबाद 16 14लोनी 12 9मोदीनगर 12 9मुरादनगर 13 9हापुड़ 13 10धौलाना 16 13गढ़ 15 12कुल 113 89

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