सूबे के स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने मंगलवार को विधान परिषद में बताया कि राज्य के छह अस्पतालों से निकलने वाले जैव चिकित्सीय अपशिष्ट पदार्थो (कचरा) को नष्ट करने के लिए इनसिनिरेटर या सीबीडब्ल्यूटीएफ (कॉमन बॉयोमेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट फैसिलिटी) का उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है।
सभी जिलों के सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर सदर अस्पताल तक में उत्सर्जित होने वाले अपशिष्ट के निस्तारण के लिए तीन एजेंसियों को अनुबंधित किया गया है।
किरण घई सिन्हा के तारांकित प्रश्न के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर में सीबीडब्ल्यूटीएफ की स्थापना की जा रही है। आधे जिलों में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तक जैव अपशिष्ट निस्तारण का काम शुरू हो गया है। बाकी जिलों में इस वर्ष के अंत तक काम शुरू हो जाएगा। मंत्री ने बताया कि नर्सिग होम भी अनुबंधित एजेंसी से संपर्क कर जैव चिकित्सीय अपशिष्ट का निस्तारण कर सकते हैं। कचरों को ढोने के लिए गाड़ी की भी व्यवस्था की गई है।